उम्मीद पर 'कांग्रेस' कायम है!
खान अशु
कभी भाजपा के दामन में रहे, उनके हर झूठ को राजनीतिक मन्च से लेकर अदालत तक सच साबित करने में लगे रहे और पार्टी के यशोगान करते रहने वाले सीनियर एडवोकेट रामजेठ मलानी कहते हैं कि मोदी सिर्फ बातें करते हैं, जिनका कोई औचित्य नहीं है! वकील साहब के अलावा कई और भी बीजेपी लीडर ऐसा ही राग अब अपनाए हुए हैं। महज ढाई तीन साल में बदले इन लोगों के सुर के पीछे कारणों की कमी नहीं है। सौराष्ट्र से दिल्ली के ताज तक पहुंचने के लिए शहन्शाह-ए-नरेन्द्र ने जो बलियाँ ली हैं, उसमें अपने-पराए के फर्क को भी दूर ही रखा है। पार्टी को पहचान देने से लेकर उसे स्थापित और स्वीकार्य बनाने में जिन लोगों का खून-पसीना लगा, को हाशिये पर बैठाने से लेकर देश को आर्थिक आपातकाल में धकेलने जैसे कटु फैसले लेकर मोदी सर्व निन्दनीय होते जा रहे हैं, गनीमत यह है कि जरखरीद मीडिया ने उनका बोलबाला और वर्चस्व कायम होने का दावा उठा रखा है। ढाई तीन साल में कुछ न कर पाने और इतने ही वक्त में होने वाली अगली अग्निपरीक्षा के लिए छटपटाते बड़बोले सरकार को अब सारी उम्मीदें राज्यसभा से हैं। पांच राज्यों के चुनावों की बैसाखी के सहारे अपनी ताकत में इजाफा करने की उनकी मन्शा भी धूमिल होती नजर आने लगी है, उप्र का गठबंधन मन्सुबे कामयाबी की बाधा बनता दिख रहा है तो पन्जाब, गोवा से कुछ खास रिस्पान्स मिलने की उम्मीद नहीं लग रही, बाकी बचे प्रदेशों में भी किसी चमत्कार का ही भरोसा है। रामजेठ मलानी की बातों का भरोसा इसलिए न किया जाए कि ये तलाक के बाद उसी बीवी में मीनमेख निकालने जैसा है, जो कल तक दुनिया की सबसे सुंदर, सभ्य और सन्सकारी लगा करती थी, लेकिन बात कही गई है तो उसमें कुछ बात तो होगी। भाजपा (लिमिटेड) का घट-बन्धन कुछ और नए रंग देश को दिखाएगा, इन्तजार करना होगा पांच राज्यों के चुनावी नतीजों का।
पुछल्ला
उम्मीद पर 'कांग्रेस' कायम है!
लगातार तीन कार्यकाल तक मप्र में भाजपा को वाकओवर देती आई कांग्रेस में फिर उम्मीदें जागी हैं। विधानसभा घेराव के लिए कमलनाथ, सिन्धिया, दिग्विजय, पचौरी मन्च साझा करेंगे की खुशफहमिया कार्यकर्ताओं की झोली में डाली गई हैं। जनता को इनके साथ होने या अपना-अपना राग अलापने से कोई फर्क नहीं पड़ता, क्योंकि उसने कांग्रेस के बिना जीना सीख लिया है, कार्यकर्ताओं को कुछ उम्मीदें हैं कि इस बार बहार आ जाए तो बेहतर, वर्ना बाहर का रास्ता ही उनके लिए मुफिद रहेगा।
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