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Showing posts from June, 2017

अल- जज़ीरा चैनल को बंद करने की मांग मंजूर नहीं- संयुक्त राष्ट्र

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जिनेवा। संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख जीड राड अल हुसैन ने कहा है कि कतर को अपने लोकप्रिय चैनल अल जजीरा को बंद करने संबंधी संयुक्त अरब अमीरात,मिस्र ,बहरीन और सऊदी अरब की मांग उसकी अभिव्यक्ति की आजादी पर अस्वीकार्य हमला है। गौरतलब है कि तीन हफ्ते पहले संयुक्त अरब अमीरात,मिस्र ,बहरीन और सऊदी अरब ने कतर पर आतंकवादी गातिविधियों को समर्थन देने का आरोप लगाते हुए उसका बहिष्कार किया था और सारे राजनयिक संबंध तोड़ लिए थे। इन देशों ने मांग की थी कि कतर को दोहा में तुर्की के सैनिक अड्डे को बंद करने,अल जजीरा चैनल को बंद करने और ईरान के साथ अपने संबंध समाप्त करने होंगे। मानवाधिकार प्रमुख कार्यालय के प्रवक्ता रूपर्ट कोविले ने आज यहां पत्रकारों को बताया कि शीर्ष संस्था इस तरह की मांगों से काफी चिंतित है कि कतर को अपने प्रमुख चैनल और अन्य दूसरे मीडिया कार्यालयों को बंद करना चाहिए। उन्होंने कहा,भले ही आप इस चैनल को देखें या नहीं देखे,इसके संपादकीय रूख से सहमत हो या नहीं हो, लेकिन अलजजीरा के अरबी और अंग्रेजी भाषा के चैनल वैध हैं और इन्हें लाखों दर्शक पसंद करते हैं।

चोरी के शक में बीजेपी सभासद ने जिला अस्पताल में मरीज को बेरहमी से पीटा

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फराज अंसारी बहराइच। प्राप्त जानकारी के अनुसार दरगाह निवासी एक युवक आज जिला अस्पताल में डॉक्टर को दिखलाने आया था। जहां कुछ लोगों ने उसको चोर बताया जबकि उस युवक के पास से कोई भी चोरी का सामान बरामद नहीं हुआ फिर भी भाजपा सभासद धनकुट्टी पूरा मनोज मिश्रा उर्फ़ मनोज मिर्ची ने उस निर्दोष युवक की अस्पताल के रूम नम्बर 22 के सामने बेरहमी से पिटाई कर दी। ​ जब ज्यादा बवाल देख कर लोगों ने पुलिस को सुचना दी तब जाकर उस निर्दोष युवक की जान बची। लोगों का कहना है कि भाजपा सभासद के इस कृत्य ने योगी सरकार पर एक दाग लगाने का काम किया है।

GF से मिलने आए BF को डीजे पर नचाया, जब-जब रुका, तब हुई पिटाई

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बिहार के मुजफ्फरपुर में एक बेहद रौंगटे खड़े करने वाला मामला सामने आया। गांव के लोगों ने महिला के BF को डीजे पर नचाया और जब भी वह रूका तभी उस पर लाठिया और डंडे बरसाए। जानकारी के अनुसार यह घटना बिहार के मुजफ्फरपुर जिले के मोतीपुर के कथैयाथाना क्षेत्र में बुधवार रात की है। गांव के लोगों ने महिला और उसके प्रेमी 30 साल के मोहम्मद अरशद का तमाशा बना दिया। महिला को घर में बंद कर बेरहमी से पीटा गया। दरअसल महिला का पति बाहर गया था और ऐसे में उसका फायदा उठा महिला ने अपने घर पर BF को बुला लिया। पड़ोसियों को इस बात का पता था कि महिला का पति घर से बाहर है। रात में उसके घर हलचल दिखी तो गांव के लोग जुट गए। ग्रामीणों ने महिला को प्रेमी के साथ आपत्तिजनक हालत में पकड़ लिया। इसके बाद युवक को घसीटते हुए घर के बाहर ले आए। महिला और उसके प्रेमी की जमकर पीटाई की। ये नहीं महिला के प्रेमी अरशद के दोनों हाथ रस्सी से बांध दिए गए और फिर उसे डीजे की धुन पर नचवाया गया। थककर जैसे ही वह डांस बंद करता गांव के लोग पिटाई शुरू कर देते। यह सब कई घंटे चला। इसके बाद गांव के लोगों ने अरशद और महिला दोनों को एक पेड़ से बांध दिया

ETV यूपी को दिलाएगा 25 घंटे बिजली, कसम से ऐसी चापलूसी पहले कभी नही देखी?

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इसे 'जल्दबाज़ी जो न कराए' तभी कहा जाएगा जब यह मानवीय गलती हो. यानि 24 घंटे की जगह 25 घंटे गलती से टाइप हो गया हो. पर अगर जानबूझ कर 25 घंटे लिखा और दिखाया गया है तो इसका मतलब साफ है कि ईटीवी समूह योगी को तेल लगाने के चक्कर में खुद को अनपढ़-गंवार चैनल साबित करने से भी गुरेज नहीं कर रहा है. वैसे कहा भी जाता है कि मुख्यधारा की मीडिया में मोदी और योगी के प्रति प्रेम इस कदर उमड़ा है कि इनके अलावा देश में कोई दूसरा कायदे का नेता ही नहीं नजर आता है. फिलहाल सोशल मीडिया पर ईटीवी की इस गंभीर चूक को लेकर लोग खूब मजे ले रहे हैं.

रिपोर्टर, वीडियो एडिटर और ग्राफिक डिजाइनर की आवश्यकता, आज ही करें आवेदन

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दिल्ली से पिछले पांच सालों से प्रकाशित हो रही 'दलित दस्तक' मासिक पत्रिका के प्रबंधन की तरफ से 24 जून को दिल्ली के ही कांस्टीट्यूशन क्लब स्थित मावलंकर हॉल में एक भव्य कार्यक्रम का आयोजन कर 'दलित दस्तक' वेब चैनल की लांचिंग की गई। इस वेब चैनल के लिए एक ऐसे प्रोड्यूशर की जरूरत है जो रिपोर्टिंग भी कर सके। आवेदन करने वालों को सामाजिक न्याय और अम्बेडकरी-फुले विचारधारा की समझ होना जरूरी है। साथ ही उसे कम से कम एक साल का इलेक्ट्रानिक माध्यम में काम करने का अनुभव होना चाहिए। इच्छुक उम्मीदवार dalitdastak@gmail.com पर अपना बायोडाटा भेज सकते हैं। लखनऊ की कंपनी एफआईएआर मीडिया वेंचर्स प्राइवेट लिमिटेड को वेब चैनल के लिए अतिशीघ्र वीडियो एडिटर / ग्राफिक डिजाइनर की आवश्यकता है. अनुभवी व्यक्तियों को ही प्राथमिकता दी जाएगी. सप्ताह भर के भीतर मेल आईडी firsteye28@gmail.com  या मोबाइल नंबर 8400333860 पर सम्पर्क करें.

तो क्या जीएसटी की जिद्द में भाजपा का वोट बैंक बिखर जाएगा?

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एसपी मित्तल 30 जून को दिन भर न्यूज चैनलों पर मोदी सरकार के मंत्री जीएसटी के फायदे गिनाते रहे तो वहीं देशभर में व्यापारियों विरोध करते देखा गया। अजमेर सहित देश के कई शहरों में बंद भी रहा। नरेन्द्र मोदी माने या नहीं, लेकिन आमतौर पर भाजपा को व्यापारी वर्ग की पार्टी माना जाता है। इसे यूं भी कहा जा सकता है कि व्यापारी चुनाव में भाजपा का समर्थन करता है। लेकिन आज सबसे ज्यादा व्यापारी वर्ग ही जीएसटी के खिलाफ है। यदि इतने बड़े समूह का गुस्सा बना रहा तो चुनाव में भाजपा को नुकसान हो सकता है। हालांकि मोदी कई बार कह चुके हैं कि उन्हें चुनाव की हार से कोई फर्क नहीं पड़ता। देश को सुधारने और आगे ले जाने के लिए वे हर काम करेंगे। मोदी ने गत वर्ष नवम्बर में जब नोटबंदी की थी, तब भी माहौल बिगड़ा हुआ नजर आ रहा था। लेकिन तीन माह पहले हुए यूपी सहित चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा को जो सफलता मिली, उससे जाहिर है कि आम मतदाता मोदी की नीतियों से खुश है। एक जुलाई से जीएसटी के लागू होने के बाद नरेन्द्र मोदी के गृह प्रदेश गुजरात में विधानसभा के चुनाव होने हैं। यदि गुजरात में भाजपा की जीत होती है तो फिर यही

रोक के बाद भी अजमेर के आनासागर में नहा रहे हैं जायरीन, मौत का भी डर नहीं

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एसपी मित्तल अजमेर शहर के बीचों बीच बने ऐतिहासिक आनासागर झील के रामप्रसाद घाट पर जायरीन के नहाने की परंपरा चली आ रही है, लेकिन अब इस घाट पर पैदल चलने का रास्ता बनाया जा रहा है। चूंकि घाट पूरी तरह टूट चुका है और आनासागर के किनारे मिट्टी डाली गई है। इसलिए यह किनारा बेहद खतरनाक हो गया है। पिछले कई दिनों से जायरीन के डूबने की वारदातें हो रही है। 28 जून को भी दो जायरीन नहाते वक्त डूब गया। बाद में बड़ी मुश्किल से उनकी लाशों को बाहर निकाला गया। आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं को देखते हुए 29 जून को नगर निगम ने रामप्रसाद घाट वाले आनासागर किनारे जालियां लगा दी। साथ ही नहाने पर प्रतिबिंध होने की सूचना भी लगाई गई। चेतावनी भरे सूचना बोर्ड पर साफ-साफ लिखा है कि दुर्घटना होने पर नगर निगम जिम्मेदार नहीं होगा। लेकिन इस प्रतिबंध के बावजूद भी जायरीन का यहां नहाना जारी है। ख्वाजा साहब की दरगाह में जियारत के लिए आने वाले जायरीन 30 जून को भी नहाते देखे गए। यानि नगर निगम ने जो चेतावनी वाले बोर्ड लगाए हैं उसका कोई असर नहीं हुआ है। रोकने वाला कोई नहीं: यह सही है कि निगम प्रशासन ने अपनी और से चेतावनी वाले बोर्ड लगा

यहाँ जीएसटी के विरोध में व्यापारी नेताओं की बंदी रही बेअसर

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शाहजहांपुर। जीएसटी को लेकर जनपद के तमाम व्यापारी संगठन के नेताओं द्वारा आज बंदी का ऐलान किया था। बन्दी सफल को बनाने के लिए व्यापारियों ने बाइक रैली निकालकर छोटे दुकानदारों की दुकानें बंद कराई। लेकिन व्यापारी नेताओं के जाते ही दुकान स्वामियो ने अपनी अपनी दुकानें खोल दी। आज बन्दी के दौरान घण्टाघर से लेकर गोविन्दगंज तक बाजार पूरी तरह से खुली रही। साप्ताहिक बंदी के कारण घण्टाघर से लेकर चौक मंडी में कुछ बंदी का असर देखा गया। लेकिन जिन व्यापारी नेताओं ने बंदी की घोषणा की थी। अधिकतर उनके प्रतिष्ठान खुले रहे। पर छोटे व्यापारियों की दुकानें बंद करा दी गई। जिससे छोटे व्यापरियों से व्यापारी नेताओं की नोकझोक भी हुई। ग्रामीण अंचलों में बंदी हुई फैल रौजा में भी बंदी का कोई असर नही हुआ। रोज की भांति सभी दुकानदारों ने अपनी अपनी दुकानें खोली। इसके साथ ही मिश्रीपुर आदि जगहों पर भी बन्दी का कोई असर नही हुआ। सभी दुकानदारों ने अपनी अपनी दुकानें रोज की भांति खोली।

जनसंचार एवं पत्रकारिता संस्थान में ऑनलाइन होंगे आवेदन

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लखनऊ। जनसंचार एवं पत्रकारिता संस्थान में शैक्षिक सत्र 2017-18 की शुरुआत हो चुकी है। 1 जुलाई से प्रवेश प्रक्रिया ऑनलाइन आरंभ हो रही है। इस वर्ष प्रॉस्पेक्ट्स भी ऑनलाइन ही मिलेगा, ऑफ़लाइन व्यवस्था ख़त्म कर दी गई है। इच्छुक विद्यार्थी पत्रकारिता के परास्नातक, डिप्लोमा, प्रमाण पत्र, डिप्लोमा इन फोटोग्राफी, योग में प्रमाण पत्र सहित संस्थान की ओर से संचालित कई अन्य मीडिया के शॉर्टटर्म डिप्लोमा और प्रमाण पत्र पाठ्यक्रमों में प्रवेश ले सकते हैं। ऑनलाइन आवेदन और फ़ीस भरने के बाद भरे हुए आवेदन पत्र का प्रिंट आउट संस्थान में आकर किसी भी दिन अपरान्ह 1 से 6 बजे के बीच (शनिवार अवकाश) जमा कर सकते हैं। ऑफ़लाइन प्रिंट आउट जमा करना अनिवार्य है, ऐसा न करने पर आवेदन अपूर्ण माना जाएगा। ऐसे सभी विद्यार्थी प्रवेश से वंचित होंगे। इसी के साथ द्वितीय वर्ष के विद्यार्थियों की प्रवेश प्रक्रिया भी प्रारंभ हो गई है। सभी द्वितीय वर्ष के विद्यार्थी अपना शुल्क अविलंब जमा करें। द्वितीय वर्ष की कक्षाएं 2 जुलाई से नियमित संचालित होंगी। असुविधा की स्थिति में संस्थान में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होकर अथवा 9451907315, 980776688

'घटिया आज़म खाँ' सोशल मीडिया वायरल हुई ये तस्वीर

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अमन पठान सोशल मीडिया पर एक तस्वीर जबरदस्त तरीके से शेयर की जा रही है, क्योंकि एक सांकेतिक बोर्ड पर लिखा हुआ है 'घटिया आज़म खाँ' और तीर का निशान भी बना हुआ है। असल में आगरा में एक स्थान है जिसका नाम है घटिया आज़म खाँ? सपा नेता आज़म खाँ के विवादित बयान के बाद ये तस्वीर सोशल मीडिया पर वायरल हुई है और लोग इस तस्वीर को वायरल कर आज़म खाँ की चुटकी ले रहे हैं।

1 जुलाई से बदल जाएंगे रेलवे के ये 10 नियम

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*१*) वेटिंग लिस्ट का झंझट खत्म हो जाएगा। रेलवे की ओर से चलाई जाने वाली सुविधा ट्रेनों में यात्रियों को कन्फर्म टिकट की सुविधा दी जाएगी। *२*) 1 जुलाई से तत्काल टिकट कैंसिल करने पर 50 फीसदी राशी वापस किए जाएंगे। *३*) 1 जुलाई से तत्काल टिकट के नियमों में बदलाव हुआ है। सुबह 10 से 11 बजे तक एसी कोच के लिए टिकट बुकिंग होगी जबकि 11 से 12 बजे तक स्लीपर कोच की बुकिंग होगी। *४*) 1 जुलाई से राजधानी और शताब्दी ट्रेनों में पेपरलेस टिकटिंग की सुविधा शुरु हो रही हैं। इस सुविधा के बाद शताब्दी और राजधानी ट्रेनों में पेपर वाली टिकट नहीं मिलेगी, बल्कि आपके मोबाईल पर टिकट भेजा जाएगा। *५*) जल्द ही रेलवे अगल-अगल भाषाओं में टिकटिंग की सुविधा शुरु होने जा रही हैं। अभी तक रेलवे में हिंदी और अंग्रेजी में टिकट मिलती है, लेकिन नई वेबसाइट के बाद अब अलग-अगल भाषाओं में टिकट की बुकिंग की जा सकेगी। *६*) रेलवे में टिकट के लिए हमेशा से मारामारी होती रहती है। ऐसे में 1 जुलाई से शताब्दी और राजधानी ट्रेनों में कोचों की संख्या बढ़ाई जाएगी। *७*) भीड़भाड़ के दिनों में रेलगाड़ी में बेहतर सुविधा देने के लिए वैकल्पित रेलगाड़ी सम

जानिए किस वस्तु पर कितने प्रतिशत जीएसटी लागू होगी

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0% GST Rates Items गेहूं, चावल, दूसरे अनाज, आटा, मैदा, बेसन, चूड़ा, मूड़ी (मुरमुरे), खोई, ब्रेड, गुड़, दूध, दही, लस्सी, खुला पनीर, अंडे, मीट-मछली, शहद, ताजी फल-सब्जियां, प्रसाद, नमक, सेंधा/काला नमक, कुमकुम, बिंदी, सिंदूर, चूड़ियां, पान के पत्ते, गर्भनिरोधक, स्टांप पेपर, कोर्ट के कागजात, डाक विभाग के पोस्टकार्ड/लिफाफे, किताबें, स्लेट-पेंसिल, चॉक, समाचार पत्र-पत्रिकाएं, मैप, एटलस, ग्लोब, हैंडलूम, मिट्टी के बर्तन, खेती में इस्तेमाल होने वाले औजार, बीज, बिना ब्रांड के ऑर्गेनिक खाद, सभी तरह के गर्भनिरोधक, ब्लड, सुनने की मशीन। 5% GST Rates Items ब्रांडेड अनाज, ब्रांडेड आटा, ब्रांडेड शहद, चीनी, चाय, कॉफी, मिठाइयां, *खाद्य तेल,* स्किम्ड मिल्क पाउडर, बच्चों के मिल्क फूड, रस्क, पिज्जा ब्रेड, टोस्ट ब्रेड, पेस्ट्री मिक्स, प्रोसेस्ड/फ्रोजन फल-सब्जियां, पैकिंग वाला पनीर, ड्राई फिश, न्यूजप्रिंट, ब्रोशर, लीफलेट, राशन का केरोसिन, रसोई गैस, झाडू, क्रीम, *मसाले,* जूस, साबूदाना, जड़ी-बूटी, लौंग, दालचीनी, जायफल, जीवन रक्षक दवाएं, स्टेंट, ब्लड वैक्सीन, हेपेटाइटिस डायग्नोसिस किट, ड्रग फॉर्मूलेशन, क्रच, व्हीलचेयर,

भाजपा जिलाध्यक्ष ने अपने ही लैटर पेड को बताया फर्जी, देखें वीडियो

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महताब खान रायबरेली । भाजपा जिलाध्यक्ष के  फर्जी लेटर पैड पर  महिला सिपाही के हस्तांतरण की सिफारिश का मामला को पीड़ित पक्ष ने झूठा बताया है। पीड़िता कुसुम सिंह पत्नी शिवशंकर भदौरिया ने बताया कि लेटर पैड पर जिलाध्यक्ष दिलीप यादव के ही है। यदि हस्ताक्षर गलत या फर्जी है तो इस मामले की किसी हैंड राइटिंग एक्सपर्ट से जाँच करा सकते है। श्रीमती भदौरिया ने बताया कि वह मई माह में वो बीजेपी जिलाध्यक्ष से उनके कैम्प कायार्लय में जाकर मिली थी और महिला सिपाही की ज्यादती के बारे में बताया। जिस पर उन्होंने उचित न्याय का भरोसा देते हुए अपने पैड पर मुख्यमंत्री को सम्बोधित पत्र दिया था। जिस पर उन्होंने उसे प्रदेश के आलाधिकारी को फैक्स कर दिया। उन्होंने बताया कि पत्र की मूल प्रति आज भी सुरक्षित  है उसकी कही भी जाँच कराई जा सकती है । श्रीमती सिंह ने ये भी बताया कि जिलाध्यक्ष लेटर पैड ही नही स्वंम दिलीप यादव हम सब की मदद के लिये पुलिस कप्तान से जाकर मिले थे इस बात को तो जिलाध्यक्ष नकार ही नही सकते है। बताते चले कि मामला कुछ यूं है कि एस पी कार्यालय में तैनात महिला सिपाही नीलम मिश्रा का रायबरेली नि0 शिवशंकर सिं

देश को बहुत महंगी पड़ी ‘मोदी की नोटबंदी’

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नोटबंदी फिर से चर्चा में है और यह कोई शुभ समाचार नहीं है। इससे लेन-देन के समूचे आकार में कमी आए, आर्थिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित होंई; दुष्प्रभाव काफी लंबे समय तक जारी रहेंगे और 2017-18 की प्रथम तिमाही तथा शायद उससे भी अधिक समय तक अर्थव्यवस्था में व्यवधान पैदा होगा। अब समय आ गया है कि नोटबंदी जिन लक्ष्यों को हासिल नहीं कर सकी और जो कुछ इसने किया है और जो प्रभाव अभी तक जारी हैं उनका लेखा-जोखा किया जाए। सर्वप्रथम तो नोटबंदी से काले धन का प्रवाह रुका नहीं है और न ही काली कमाई बाधित हुई है। चूंकि नोटबंदी ने इन समस्याओं को संबोधित ही नहीं किया इसलिए यह माना जा सकता है कि इसका इन पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा। परिणाम यह हुआ कि जनवरी 2017 के बाद सब कुछ पहले की तरह चलने लगा। दूसरी बात यह हुई कि इसने करंसी की जालसाजी भी नहीं रोकी। भारतीय रिजर्व बैंक अभी भी उस पैसे की गिनती कर रहा है जो नोटबंदी दौरान बैंकों में आया था इसलिए जाली नोटों के संबंध में किसी प्रकार के आधिकारिक आंकड़े उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन अंदाजा लगाया गया है कि जाली नोटों की प्रतिशत बहुत ही मामूली है। कुछ भी हो, जाली करंसी तैयार करने व

मोदी की गौरक्षकों से की गई अपील बेअसर

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जिस दिन प्रधानमंत्री ने बयान दिया कि गाय और गोरक्षा के नाम पर किसी को क़ानून हाथ में लेने का हक़ नहीं है, उसी दिन झारखंड में एक और व्यक्ति की गाय के नाम पर हत्या कर दी गई. कृष्णकांत झारखंड के रामगढ़ एक गोमांस ले जाने के शक में भीड़ ने एक व्यक्ति की हत्या कर दी और उसकी वैन को आग लगा दी. भीड़ द्वारा किसी को भी पीट-पीट कर मार देने की बढ़ती घटनाओं के विरोध में 28 जून को देश भर के कई शहरों में प्रदर्शन हुए. इसके अगले दिन प्रधानमंत्री मोदी ने बयान दिया कि गाय के नाम किसी भी इंसान को क़ानून हाथ में लेने का हक़ नहीं है. ऊना में मरी गाय की खाल उतारने वाले दलित युवकों की पिटाई के बाद भी प्रधानमंत्री ने बयान दिया था, जिसमें उन्होंने कहा था कि 80 प्रतिशत गोरक्षक फ़र्ज़ी हैं. सरकारों को इन पर कार्रवाई करनी चाहिए. प्रधानमंत्री को दो बार गोरक्षकों पर बयान दे चुके हैं, लेकिन लगता नहीं है कि प्रधानमंत्री की बात को गोरक्षा दल के गुंडे सुनने को तैयार हैं. जब प्रधानमंत्री ने यह बयान दिया, उसी दिन झारखंड में एक और व्यक्ति की गाय के नाम पर हत्या कर दी गई. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने गुरुवार को कहा था कि गोरक

हाईकोर्ट के आदेशों के बाद दोबारा हुई मतगणना, पहले मिली थी सात वोटो से अब मिली एक वोट से जीत

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रिपोर्ट : राजीव कुमार  सहारनपुर । हाईकोर्ट के आदेश के बाद ग्राम छुटमलपुर की ग्राम प्रधान सीट पर दोबारा  मतगणना हुई । कड़ी सुरक्षा के बीच हुई दुबारा मतगणना वर्तमान प्रधान शमा प्रवीन ने अपनी प्रतिद्वन्दी मन्जू शर्मा को एक वोट से हराकर दूसरी बार जीत कराई दर्ज है। बतादें की पहले भी शमा प्रवीन ने मन्जू शर्मा को हराया था । जिसमे आपत्ति पर हाईकोर्ट ने दोबार मतगणना कराने के आदेश पारित किये थे । जिसकी मतगणना में आज फिर मंजू शर्मा को शमा प्रवीण ने एक वोट से हरा दिया। आपको बता दे पहले शमा प्रवीण को सात वोटो से जीत मिली थी और अब एक से जीत मिली है ।

मोदी ने कहा- महाराणा प्रताप की तरह मैंने भी गौरक्षा के लिए लड़ाइयां लड़ी हैं?

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नई दिल्ली। कल पीएम मोदी ने देश में गाय के नाम हो रही मुसलमानों की हत्या पर चुप्पी तोड़ी है। मोदी ने कहा कि गाय के नाम पर हत्या करना गलत है। इस दौरान मोदी ने गाँधी के सिद्धांतों पर चलने की भी बात कही लेकिन जब मोदी गौ रक्षकों के आतंक पर बोल रहे थे तभी झारखंड एक मुस्लिम शख्स को भीड़ ने बीफ ले जाने के शक में पीट-पीट कर मार डाला। बहरहाल, अपने कल के बयान और झारखंड की घटना के बाद मोदी की सोशल मीडिया पर खूब आलोचना हो रही है। इस बीच उनका एक पुराना वीडियों पर वायरल हो रहा है। इस वीडियो में मोदी कहते हुए दिखाई दे रहे हैं कि मैं आज महाराणा प्रताप की धरती पर हूं और महाराणा प्रताप ने गोरक्षा के लिए अपना जीवन खपा दिया, गो रक्षा के लिए कई लड़ाइयां लड़ीं। मुझे गर्व है कि मैंने अपने गुजरात में गोरक्षा का कानून लाकर गोवंश के संरक्षण का काम किया है। मोदी का यह वीडियो 2013 का बताया जा रहा है जब वह गुजरात के सीएम हुआ करते थे। ऐसे में अब यूज़र्स मोदी से पूछ रहे हैं कि आपकी चेतावनी के बाद भी गोरक्षा के नाम पर हत्याएं हो रही हैं,अब क्या करेंगे? वहीँ, कुछ यूजर्स कह रहे हैं कि गोरक्षा के नाम पर मोदी सिर्फ लोगों को

जेल में साफ कराया पखाना, गद्दार कहकर मारे थप्पड़

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नई दिल्ली। बीते दिनों चैंपियंस ट्रॉफी में पाकिस्तान की जीत पर जश्न मनाने का झूठा आरोप लगाकर मध्य प्रदेश में गिरफ़्तार किए गए 15 लोग अब जेल से बाहर आ चुके हैं। भोपाल से करीब 350 किलोमीटर दूर बुरहानपुर गांव के रहने वाले इन 15 लोगों पर 18 जून को हुए भारत पाकिस्तान मैच के बाद देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया था। हालाँकि अब सबूत न मिलने पर सभी आरोपियों से केस वापस लेना पड़ा। लेकिन बिना इल्ज़ाम करीब 10 दिनों तक जेल में रहने वाले लोगों का दर्द इतनी आसानी से नहीं जाने वाला। इन लोगों ने मीडिया से अपना दर्ज साझा करते हुए बताया कि उनसे कारावास में पखाना और नाली साफ करवाए गए और कुछ कैदी उन्हें “गद्दार” कहते थे। पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए गए अनीस बाबू मंसूरी ने हिन्दुस्तान टाइम्स को बताया कि जब उन लोगों को जेल ले जाया गया तो वहां के करीब एक दर्जन पुराने कैदियों ने हर किसी को थप्पड़ मारा और गालीगलौज की। मंसूरी पेशे से दर्जी हैं। 25 वर्षीय मंसूरी ने एचटी को बताया कि पुलिस ने हिरासत में उनकी पिटाई भी की थी। पुलिस द्वारा कथित तौर पर की गी पिटाई के निशान दिखाते हुए मंसूरी ने अखबार से कहा, “हम मुसलमान हैं त

दर्द जनता का, तडप मुनाफ़ाखोरो की!

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खान अशु मोरार जी देसाई की सरकार में जब शकर 2 ₹ किलो हुआ करती थी, इस्तेमाल करने वाले खरीदी में सोच-विचार नहीं किया करते थे, अब मोदी जी के युग में 40 की शकर भी जरूरत को नहीं डिगा पाई है... कार से लेकर पेट्रोल तक की कीमतों में भी इजाफा दर इजाफा हुआ, आम इंसान की जरूरत की हर चीज़ के हालात भी कमोबेश यही हैं, लेकिन इस्तेमाल करने वाले कम होने की बजाए लगातार बढ़ते ही गए... व्यापार बढ़ा, व्यापारी भी बढ़े... इतने बढ़े कि सरकारें बनाने और गिराने की ताकत पा गए... मानसूनी महीने के आखिरी दिन 30 जून को जिस कुनबे ने देश बन्द का ऐलान किया है, वह वही व्यापारी जमात है, जिसे उस पार्टी का संबल माना जाता है, जो वर्तमान में देश की अगुआ बनी हुई है। जिद और जबरदस्ती उस कानून को लेकर है, जो सरकार कल रात घण्टा बजाकर लागू करने वाली है। नए कानून से व्यापारी-कारोबारी इसलिए कम प्रभावित माना जाना चाहिए कि वह हमेशा से अपने मुनाफे के साथ ही धन्धा करता आया है, जिस लागत पर बनाया या जिस दाम पर खरीदा, उसमें फायदे का तडका लगाकर ही बेचता रहा है, फिर यह छटपटाहट क्यों? नए कानून को लेकर सही मायने में किसी को नाराज होना चाहिए तो व

मोदी देश के पहले ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने अपने स्वागत के लिए खर्च करवा दिये 70 करोड़

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रवीश कुमार एक राजनेता अपनी कामयाबी के शिखर दिनों के दौरान किस तरह की संस्कृति गढ़ता है, उसे उस समाज के लिए तो सोचना ही चाहिए जहां से वो आता है। राजकोट से दिल्ली आ गए प्रधानमंत्री को एक बार सोचना चाहिए कि नौ किमी के उनके रोड शो के बहाने यात्रा मार्ग को सजाने में जो ख़र्च किया गया है, क्या वो इस साधारण मुल्क के लिए वाजिब था? क्या प्रधानमंत्री की यात्रा की तैयारी को लेकर पारदर्शिता नहीं होनी चाहिए? क्या जनता को नहीं बताना चाहिए कि कौन कौन सी एजेंसियों ने पैसे खर्च किये, जिन लोगों ने अपने स्तर पर ख़र्च किये उनका हिसाब क्या है ताकि नौ किमी सड़क की सजवाट का वास्तविक ख़र्च हम जान सकें और अनुमान लगाने से बचें कि 20 से 70 करोड़ रूपये ख़र्च हुए हैं। 9 किमी की सड़क की सुरक्षा भी कम चुनौती नहीं होगी। प्रधानमंत्री की सभा है, ज़ाहिर है तैयारियां भी उसी स्तर की होती होंगी। एक रैली की सभा के लिए कितने सुरक्षा कर्मी लगेंगे और 9 किमी के रोड शो के लिए कितने। इसका ख़र्चा न तो कोई जानता है और न जान पायेगा। क्या सादगी और शुचिता की बात करने वाले प्रधानमंत्री को इतने महंगे और भव्य कार्यक्रमों में हिस्सा लेना

आसाराम बोले- जज साहब अब फैसला कर ही दीजिए

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नई दिल्ली। अपने ही आश्रम की नाबालिग के साथ यौन दुराचार के आरोप में फंसे आसाराम अब गवाहों के नहीं आने से लम्बी हो रही ट्रायल को लेकर परेशान हो गए है। दो दिन पहले कोर्ट में उन्होंने जज से कह दिया कि अब तो परेशान हो गया हूं, फैसला कर दीजिए। वहीं गुरुवार को अपने ही समर्थक को गवाह नहीं लाने पर नाराजगी जताई। अनुसूचित जाति-जनजाति मामलों की विशेष अदालत के दौरान आसाराम की ओर से 12 गवाह को वापस ले लिया गया है। अब इस मामले में महज आठ-दस गवाह ही बचे हैं, जिनकी गवाही होनी है। मामले में अगली सुनवाई एक जुलाई को होगी। उल्लेखनीय है कि यौन उत्पीडऩ के मामले में पिछले मंगलवार को सुनवाई के दौरान आसाराम को न्यायालय में पेश किया गया था। लेकिन ना तो आसाराम के अधिवक्ता कोर्ट आए और ना ही बचाव पक्ष का कोई गवाह। इस पर परेशान आसाराम ने कहा कि, जज साहब अब बहुत हो चुका, परेशान हो गया हूं। कभी गवाह नहीं, तो कभी अधिवक्ता। अब तो फैसला कर दीजिए।

क्या 'अखिलेश' में आज़म को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाने का साहस है ?

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सूर्य प्रताप सिंह आज़म ख़ान ने भारत की देशभक्त सेना को 'बलात्कारी' कहा.... पाकिस्तानी (महिला) आतंकवादियों द्वारा कश्मीर में शहीद होने वाले जवानों के 'प्राइवेट-पार्टस' को म्यूटिलेट( काटने) करने को सही ठहराया। इस खल ने पाकिस्तान द्वारा कश्मीर में प्रायोजित आतंकवाद से जूझते हुए बहादुर सैनिकों का मनोबल तोड़ने का जघन्य अपराध किया है। यह दुष्कृत्य हमारे 'दुश्मन' देश 'नापाक' पाकिस्तान की हिमायत कर क़ानूनी तौर पर देशद्रोह की परिधि में आता है। यह अक्सर देखा गया है कि जब भी प्रधानमंत्री मोदी विदेश में पाकिस्तान को आतंकवाद पर घेरते हैं, यह 'अधम' आज़म ख़ान ऐसे ही पाकिस्तान समर्थक निकृष्ट बयान देता है। इसने सारे रामपुर में वक़्फ़ की ज़मीन/ ग़रीबों की ज़मीनों पर क़ब्ज़ा किया हुआ है। राज्य सरकार को तत्काल इस दुरात्मा के ख़िलाफ़ अविलंब करवाई करनी चाहिए। आज़म ख़ान एक देशद्रोही राजनीतिक scoundrel (लुच्चा-लफ़ंगा) है ... इसने शहीदों के दुःखीमन माता-पिता/ परिजनों का अपमान किया है। आप ही बताएँ, सेना को प्रेम व सम्मान देने वाले सारे देशभक्तों के अपमान की इस 'क्षुद्

शायद इस बार राष्ट्रीय ध्वज को 'सलाम' करने वाला 'उपराष्ट्रपति' मिल जाए

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सूर्य प्रताप सिंह उपराष्ट्रपति के चुनाव की घोषणा हो गयी है। वर्तमान उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी द्वारा 'प्रोटोकोल' की आवश्यकता न होने के 'बहाने'(Excuse) से राष्ट्रीय झंडे को सलामी देना गवारा नहीं .... शायद 'राष्ट्र' से पहले मुल्ला-मौलवियों के डर वाला 'धर्म' आगे आ जाता है.... फ़तवा न जारी हो जाए। शपथ लेते समय संविधान पालन की सौगंध खायी जाती है ...उस समय क्यों मना नहीं किया था, शायद उपराष्ट्रपति भी नहीं बनते। इस देश में रहकर ही ये सब करने की स्वतंत्रता है।  इस देश का नमक खाना है, पद भी पाना है, हर चीज़ पर हक़ जताना है, लेकिन राष्ट्रीय ध्वज को सलाम करने और भारत माँ की जय बोलने पर मुल्ला-मौलवियों के फ़तवे से डर लगता है..... राष्ट्र धर्म व माँ भारती की बात करो तो कुछ और मतलब निकला जाता है। यदि राष्ट्र के प्रति प्रेम हो तो राष्ट्रीय ध्वज को सलाम करना दिल से आएगा.....प्रोटोकोल बाधा नहीं बनेगा। 'Nation First' (राष्ट्र सर्वोपरि) के सिद्धांत के पालन से ही अमेरिका आज नम्बर-१ देश है..... (लेखक पूर्व आईएएस अधिकारी हैं)

त्यौहार के तोहफे में मिली लाशें

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मोहम्मद जाहिद यह हमारा दुर्भाग्य है कि "कौम" के लिए लड़ाई लड़ने के लिए कौम के अंदर के ही कुछ लोगों का विरोध और गालियाँ सबसे पहले सुनने को मिलती है , देश की व्यवस्था से लड़ने के पहले इनसे लड़ना पड़ता है। #EidWithBlackBand की सफलता के बाद कुछ ऐसे लोग जिनसे प्रारंभ में इस मुहिम में शामिल होने की प्रार्थना करने पर उनका इन्कार और फिर बाद में मुहिम का मज़ाक इन्हीं द्वारा उड़ाया गया (सबूत है) और मुहिम के सफल होते देख मुहिम को अपने व्यक्तिगत और अपने किसी संगठन के लाभ के लिए हाइजैक करने का जो असफल प्रयास किया गया वह बेहद निन्दनीय है। इससे हम सबकी मिलकर एक होकर लड़ी जा रही लड़ाई में कुछ विवाद आया। फिर मुझे और इमरान भाई पर भद्दी पोस्ट की गयीं और सो काल्ड "चारमीनारी सम्राट" के लोगों ने हम दोनों को भद्दी भद्दी गालियाँ दीं। यहाँ तक की मेरी मौत पर लगातार घोषणाएँ कीं। जो लोग पहले इस मुहिम में शामिल होने से इन्कार इसलिए कर रहे थे कि इस तरीके से यह लड़ाई "हिन्दू वर्सेस मुस्लिम" हो जाएगी , वह लोग इस सफल मुहिम में अब अपने संगठन को माइलेज दिलाने के लिए प्रोग्राम करा रहे हैं। स

मुस्लिम कौम के सच्चे रहनुमा बनकर उभर रहे हैं जाहिद और नवेद

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इनसे मिलिये ये हैं इलाहाबाद के Mohd Zahid और दिल्ली के नवेद चौधरी फुलटाईम कारोबारी है पर ज़ुल्म और ज़्यादती के खिलाफ़ जिस मुख़रता से सोशल मीडिया पर मुहिम चलाते हैं वो देखने लायक़ होती है। अपने कीमती वक़्त से समय निकालकर सोशल एक्टिविस्ट के रूप में पूरी शिद्दत से सक्रिय रहते हैं। नवेद भाई जरूरत पड़ने पर अपना कीमती समय निकालकर कभी जंतर मंतर पर तो कभी किसी दूसरे शहर में हो रहे किसी प्रोटेस्ट का हिस्सा बन हमारे साथ खड़े नज़र आते हैं। काली पट्टी मुहिम में तमाम परेशानियों के बावजूद मुहिम को अंजाम तक पहुंचाने में पूरी ताकत झोंक डाली। ज़मीनी आदमी हैं किसी जाति मफ़ात के लिए फेसबुक का इस्तेमाल कभी नहीं किया। ठीक इसी तरह से ज़ाहिद भाई की भी सक्रियता पूरे सोशल मीडिया पर क़ाबिले तारीफ़ है। फेसबुक पर खासा लोकप्रिय नाम है। हर मुद्दे पर पूरी बेबाक़ी से अपना पक्ष रखते हैं। बेबाकी का आलम ये है कि राहुल गाँधी के सामने भी पूरी दम खम से मुस्लिम हितों की बात रखने से नहीं चूके। योगी सरकार आने के बाद पुलिस द्वारा चेताये जाने के बाद भी हौसले पस्त नहीं हुए। ज़मीनी काम का कोई भी मौका हाथ से जाने नहीं देते फिर चाह

इंसाफ की आवाज उठाने वाले इस मुसलमान हो बताया जा रहा है आईएसआई एजेंट

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इनका नाम है मुस्तक़ीम सिद्दीकी । झारखंड में रहते हैं लेकिन भीड़ और प्रशासन के हाथों हिंसा एवं अन्याय के शिकार लोगों के लिए पश्चिम बंगाल से लेकर बिहार तक पहुंच जाते हैं। इंसाफ इण्डिया के नाम से इनका कैम्पेन चलता है। यह कैम्पेन वह पूरे साल चलाते हैं। कभी सांप्रदायिक हिंसा के शिकार मुसलमानों तो कभी जातिवाद के नाम पर अन्याय झेल रहे आम जन के दर्द में सहभागी बनते हैं। हाल ही में जमशेदपुर पुलिस ने इन पर तथा इनके अन्य साथियों पर गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज किया। मुस्तक़ीम चूंकि मुसलमान हैं तो उन्हें हिंदुस्तान अख़बार ने आईएसआई से रिश्ता रखने का अंदेशा जताया बाकि के साथी हिंदू हैं तो उन्हें नक्सली। अख़बार ने पुलिस की ज़ुबान बोली। मुस्तक़ीम कभी बाइक से तो कभी ट्रेन की जनरल बोगी में फर्श पर बैठ कर जनता के लिए संघर्ष करने निकल पड़ते हैं। एक बार बाइक पंक्चर हो गई तो बेचारे कई किमी पैदल खींच कर लाए क्योंकि जहां पंक्चर हुई वहां जंगल था। न्याय दिलाने का कार्य राज्य सरकारों का है, परंतु यह कार्य मुस्तक़ीम कर रहे हैं फिर भी मुस्तक़ीम विद्रोही हैं। ऐसा झारखंड पुलिस कहती है। मुस्तक़ीम सुदूर गाँवों में रह

9 लाख के टेंडर पर दी 29 लाख की स्वीकृति, चहेते ठेकेदारों को लाभ पहुंचाने को नियम-कायदे खूंटी पर

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सौरभ उपाध्याय फिरोजाबाद। कमीशन खोरी और भ्र्ष्टाचार को लेकर बदनाम नगर निगम में एक और मामला इन दिनों चर्चा में बना है। बताते चले नगर निगम परिसर में एक जर्जर इमारत को तुड़वाकर नया निर्माण कार्य कराया जा रहा है। जिसमे नियमों की अनदेखी व जमकर मनमानी की जा रही है। सुना जा रहा है टेंडर प्रक्रिया में अनियमितता के साथ निर्माण कार्य में भी घटिया सामिग्री का प्रयोग व पुरानी जर्जर टूटी बिल्डिंग से निकली ईटो का इस्तेमाल किया जा रहा है। कमीशन खोरी की चक्का चौंध में नगर निगम प्रशासन धृतराष्ट्र बना हुआ है। जेब भरने के चक्कर में भृष्ट अधिकारी नियमों को भी ताक पर रखे हुए हैं। आलम यह है कि अपने चहेते व मोटा कमीशन देने वाले ठेकेदारों को फायदा पहुंचाने के लिए अधिकारियों ने टेंडर प्रक्रिया को भी ताक पर रख दिया है। गौरतलब है कि लगभग 2 वर्ष पूर्व नगर निगम परिसर स्थित लेखा अनुभाग की छत निर्माण का टेंडर निकाला गया था। जो नौ लाख में अधिकारियों के चहेते व मोटा कमीशन देने वाले निगम ठेकेदार महेश चंद्र अग्रवाल को दिया गया था।  ठेकेदार द्वारा उस वक्त काम नही करवाया गया। जिसको लेकर न तो निगम प्रशासन ने जर्जर छत की मरम्

योगी सरकार की सबसे बड़ी उपलब्धी, उत्तर प्रदेश बन रहा है हत्या प्रदेश

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एक तरफ योगी सरकार सौ दिन पूरे होने पर अपनी सरकार की उपलब्धियाँ गिना रही है वहीं अपराधी भी सौ दिन की सरकार में अपनी उपलब्धियाँ गिनाकर योगी सरकार को कटघरे में खड़ा रहे हैं।योगी जी के लाख प्रयासों के बावजूद अपराधियों और अपराधिक घटनाओं पर अंकुश नहीं लग पा रहा है।एक के बाद एक हो रही घटनाओं के आगे सरकार द्वारा सौ दिनों में किये गये तमाम कल्याणकारी कार्य पीछे हो गये हैं । रायबरेली जिले के ऊँचाहार क्षेत्र के इटोरा बुजुर्ग गाँव में सोमवार की रात प्रधानी चुनाव को लेकर पाँच लोगों की नृशंस सामूहिक हत्या पीटकर व जिन्दा जलाकर कर दी गयी।मूलरूप से प्रतापगढ़ के संग्राम गढ़ थाना क्षेत्र अन्तर्गत देवरा गाँव के पूर्व प्रधान रोहित शुक्ल अपने भाई देवाशीष शुक्ल की ससुराल इटोरा बुजुर्ग में प्रधानी का चुनाव लड़ने की तैयारी कर रहे थे।यह बात इटोरा बुजुर्ग के वर्तमान प्रधान राजा यादव उर्फ विजयबहादुर यादव को अच्छी नहीं लग रही थी और इसी बात को लेकर दोनों मे रंजित चल रही थी।सोमवार की रात करीब आठ बजे रोहित शुक्ल अपने साथियों के साथ प्रधान के गाँव सफारी कार से गया था। कहते हैं कि वहाँ पर दोनों पक्षों में तूल तकरार और

1 जुलाई से तत्काल टिकट रद्द कराने पर 50% पैसा होगा वापस

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नई दिल्ली: 1 जुलाई से यात्रियों के तत्काल टिकट रद्द कराने पर उन्हें 50 फीसदी पैसा वापस मिलेगा। इसके साथ ही सुविधा ट्रेन का टिकट वापस करने पर भी यात्रियों को 50 फीसदी पैसा ही वापस मिल सकेगा। इसमें कोच के हिसाब से रिफंड चार्ज काटा जाएगा। बता दें कि फिलहाल तत्काल टिकट कैंसिल करवाने पर रिफंड नहीं मिलता है। चलती ट्रेन में आरएसी टिकट को भी कंफर्म माना जाएगा। बताया जा रहा है कि रेलवे पेपरलेस टिकटिंग और कन्फर्म टिकट देने पर भी काम रही है। शताब्दी और राजधानी ट्रेनों में 1 जुलाई से पेपरलेस टिकटिंग की शुरुआत होगी। इससे यात्रियों को उनके मोबाइल पर ही टिकट भेज दिया जाएगा। साथ ही हिंदी और अंग्रेजी के अलावा दूसरी भाषाओं में भी टिकट मिल सकेगा। लंबी दूरी की ट्रेनों में वेटिंग लिस्ट को खत्म करने पर बी विचार किया जा रहा है। शताब्दी ट्रेनों में कंफर्म सीट उपलब्ध करवाने के लिए कोचों की संख्या बढ़ाई जाएगी। इतना ही नहीं एसी और स्लीपर क्लास के लिए तत्काल टिकट बुकिंग का समय एक घंटे तक बढ़ाया जाएगा। बता दें फिलहाल एसी क्लास में तत्काल टिकट की बुकिंग सुबह 10 से 11 जबकि स्लीपर क्लास के टिकट की बुकिंग 11 से 12 बजे

चीन ने भारत को दी धमकी – 1962 की हार से नहीं लिया सबक जो जंग के लिए शोर मचा रहे हो

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नई दिल्ली। चीन ने 1962 की जंग का हवाला देते हुए भारत को एक बार फिर से धमकाया हैं. चीन की और से कहा गया कि अगर उसने ‘चीनी इलाके’ से अपने सैनिकों को वापस नहीं बुलाया, तो इससे सीमा पर मौजूदा तनाव और बढ़ेगा. साथ ही सैनिकों की वापसी के बिना सीमा पर गतिरोध को लेकर कोई ‘वार्ता’ भी नहीं होगी. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग ने बयान जारी करते हुए कहा कि चुंबा घाटी को लेकर भारत सरकार से अभी कोई बातचीत नहीं चल रही है. भारत से बातचीत करने के लिए चीन की एकमात्र शर्त है कि भारतीय सेना अपनी जगह से पीछे जाए, तभी कोई बातचीत होगी. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता लू कांग​ ने ये भी कहा कि भारत को साल 1962 को भी नहीं भूलना चाहिए. चीनी न्यूज पोर्टल ग्लोबल टाइम्स ने लिखा है कि भारत पर 1962 के युद्ध में मिली हार का असर है. लेख में भारतीय मीडिया पर भी हमला करते हुए लिखा है कि वो एक ऐसा माहौल पैदा कर रही है जिससे ये साबित हो रहा है कि चीनी सैनिक उसके क्षेत्र में जबरन घुस रहे हैं. इतना ही नहीं, चीनी मीडिया सिक्किम बॉर्डर के मुद्दे को भी 1962 की जंग के दौरान अमेरिकी समर्थन से जोड़ते हुए देख रहा है. ग्

राष्ट्रपति कोई भी बने गौरक्षक तो ले सकते हैं हमारी जान

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नई दिल्ली। बीजेपी के नेतृत्व वाले एनडीए की और से रामनाथ कोविंद को राष्ट्रपति उम्मीदवार घोषित किये जाने को लेकर उना कांड के पीड़ितों ने कहा कि दलित राष्ट्रपति बनने से उनका दर्द कम नहीं होने वाला है. याद रहे पिछले साल 11 जुलाई को उना में बालू के दो बेटों और दो भतीजों की कथित गौरक्षकों ने पिटाई की थी. इस बारें में बालू का कहना है कि “हमारे परिवार ने गाय का चमड़ा उतारने का काम छोड़ दिया है लेकिन गौरक्षकों का डर बना हुआ है. हम चाहते हैं कि हमारे बेटे अहमदाबाद में बस जाएं.” बालू कहते हैं, “मैं गांव में रहूंगा. अगर वो मुझे मार देते हैं तो कोई बात नहीं। वो गुस्सा हैं और कभी भी बदला ले सकते हैं. अगर मेरे बेटे को जेल हुई होती तो मुझे भी ऐसा ही लगता. इस बार उन लोगों ने हम पर हमला किया तो कोई वीडिया वायरल नहीं होगा, लेकिन वो देखने लायक मंजर होगा.” बालू करीब 20 साल तक बीजेपी के कार्यकर्त्ता रहे. बालू के अनुसार वो हर चुनाव में बीजेपी के लिए प्रचार करते थे. लेकिन अब उनका बीजेपी से मोहभंग हो चुका है.

भीड़तंत्र: चोरी के आरोप में दो दलित भाइयों को पीट-पीट कर मार डाला

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पटना: भीड़ के हाथों हो रहे हत्याओं का सिलसिला थमने का नाम ही नहीं ले रहा है। एक बार फिर वहशी भीड़ ने दो महादलित (मुसहर) भाइयों को चोरी के आरोप में पीट-पीटकर हत्या कर दी। मामला रोहतास ज़िला के कोचस थाना के परसिया गाँव का है। खबर के मुताबिक बीती रात क़रीब एक बजे लगभग आधा दर्जन चोरों ने एक घर में घुस कर चोरी करने की कोशिश की। जिसके बाद किसी ने देख लिया और शोर मचा दिया। गाँव के लोग चोरों की ओर भागे बाक़ी तो भाग निकले। लेकिन यह दोनों बबन (मुसहर) 40 और मुराहू (मुसहर) 35 भीड़ के हत्थे चढ़ गये। लोगों ने इतना पीटा की एक की तो मौके पर ही मौत हो गई। जबकि दूसरा बबन कोचस हेल्थ सेंटर में इलाज के दौरान मर गया। इन दोनों को सगा भाई बताया जाता है। यह दोनों पदारी गाँव का स्थानीय निवासी था। पुलिस ने बताया कि दोनों की लाश को जिला अस्पताल पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया है। पुलिस ने बताया कि घटना स्थल पर पहुँचते ही भीड़ तितर-बितर हो गई थी। अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ पुलिस ने हत्या का मामला दर्ज कर लिया है आयर मामले की जांच की जा रही है।

‘किसानों की क़र्ज़ माफ़ी से अर्थव्यवस्था बिगड़ती है, माल्या जैसों का अरबों माफ़ करने से संवरती है’

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सरकार को इसपर गंभीरता से विचार करना चाहिए कि अगर हम अपना कृषि क्षेत्र नहीं बचा पाए तो अर्थव्यवस्था भी नहीं बचा पाएंगे. देविंदर शर्मा  हमारे यहां बहुत सारे लोग यह मानते हैं कि अभी कुछ महीने में कुछ हुआ है कि किसानों की समस्या बढ़ गई. मध्य प्रदेश में जो गोलीबारी हुई या महाराष्ट्र में जो किसान आंदोलन हुआ, ये सब 2-4 महीनों में अचानक से नहीं हुआ है. मेरे यह मानना है कि यह सब बहुत पहले से दबा हुआ था, जिसे हम देख नहीं पा रहे थे. कृषि में जो भी समस्या थी वो भयंकर रूप लेता जा रहा था और उसे कभी न कभी तो फटना था. ये जो गुस्सा इतने सालों से दबा हुआ था वो तो निकलना था और कैसे निकलेगा यह कोई बता नहीं सकता. हम कब तक किसी को दबा सकते हैं, एक न एक दिन उसे बाहर आना था. किसानों के आंदोलन का मुख्य कारण आर्थिक स्थिति है. हमे नहीं पता चलता क्योंकि हम शहर में रहते हैं. किसान जब आलू उगा रहा होता है या टमाटर की, सब्ज़ियों की पैदावार कर रहा होता है और जब फसल अच्छी होती है, उसके बाद जब मंडियों में उचित दाम नहीं मिलते तो वो क्या करे? जब उसको टमाटर के 30 पैसे किलो मिले या फिर 2 रुपये किलो मिले और आलू अब तक सड़ रहा