इंडिया टुडे कॉनक्लेव 2017: 'लादेन से तुलना तकलीफ देती थी',स्टारडम मिलता है तो जाता भी है-शारुख खान

शाहरुख खान
इंडिया टुडे कॉनक्लेव 2017 के दूसरे दिन बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान ने अपने 25 वर्षों का अनुभव साझा किया. Lessons from the Spotlight में शाहरुख ने बताया कि स्टार बनने के बाद आपकी दुनिया कैसी हो जाती है.
Conclave17 के मंच पर शाहरुख ने बताया कि स्पॉटलाइट में रहने की अपनी जिम्मेदारियां हैं. आपको अपने काम के अलावा हर बात पर अवेयर रहना होता है. आपके पास फैसले लेने की गजब की क्षमता होनी चाहिए. 
स्टारडम के बारे में शाहरुख खान ने कहा- यह आपको अनुभव देता है, आपको भरपूर प्यार मिलता है, आपमें ग्रेस आती है जो अपनेआप में एक बड़ा सबक है. इस क्वालिटी के दम पर ही आप दूसरों को भी अपने साथ आगे बढ़ने का मौका देते हैं. हालांकि पावर आपको दूसरों से अलग भी करती है क्योंकि अपने शेड्यूल में आपके पास लोगों से जुड़ने का वक्त नहीं होता. 
स्टारडम मिलता है तो जाता भी है. अपने मजाकिया अंदाज में शाहरुख ने कहा कि जब सफलता आपसे कुछ दूर जाती है तो तमाम सलाह देने वाले लोग भी उभर आते हैं. हैरानी की बात ये है कि आप इन बातों पर अमल भी करने लगते हैं. 
हालांकि शाहरुख का दावा है कि हिंदी फिल्में एकदम सच्ची होती हैं. इनके जरिए सितारे सपने बनाते और दिखाते हैं. यही नहीं, कई दूसरे लोगों की जिंदगी भी जीते हैं और ये एहसास दिलाते हैं कि समस्याएं हमेशा नहीं रहतीं. संघर्ष करोगे तो सफलता जरूर मिलेगी. 
इंडिया टुडे कॉनक्लेव 2017 के दूसरे दिन बॉलीवुड के बादशाह शाहरुख खान ने अपने 25 वर्षों का अनुभव साझा किया. Lessons from the Spotlight में शाहरुख ने बताया कि स्टार बनने के बाद आपकी दुनिया कैसी हो जाती है.
Conclave17 के मंच पर शाहरुख ने बताया कि स्पॉटलाइट में रहने की अपनी जिम्मेदारियां हैं. आपको अपने काम के अलावा हर बात पर अवेयर रहना होता है. आपके पास फैसले लेने की गजब की क्षमता होनी चाहिए. 
स्टारडम के बारे में शाहरुख खान ने कहा- यह आपको अनुभव देता है, आपको भरपूर प्यार मिलता है, आपमें ग्रेस आती है जो अपनेआप में एक बड़ा सबक है. इस क्वालिटी के दम पर ही आप दूसरों को भी अपने साथ आगे बढ़ने का मौका देते हैं. हालांकि पावर आपको दूसरों से अलग भी करती है क्योंकि अपने शेड्यूल में आपके पास लोगों से जुड़ने का वक्त नहीं होता. 
स्टारडम मिलता है तो जाता भी है. अपने मजाकिया अंदाज में शाहरुख ने कहा कि जब सफलता आपसे कुछ दूर जाती है तो तमाम सलाह देने वाले लोग भी उभर आते हैं. हैरानी की बात ये है कि आप इन बातों पर अमल भी करने लगते हैं. 
हालांकि शाहरुख का दावा है कि हिंदी फिल्में एकदम सच्ची होती हैं. इनके जरिए सितारे सपने बनाते और दिखाते हैं. यही नहीं, कई दूसरे लोगों की जिंदगी भी जीते हैं और ये एहसास दिलाते हैं कि समस्याएं हमेशा नहीं रहतीं. संघर्ष करोगे तो सफलता जरूर मिलेगी. 

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