नोकरी करनी है तो नमाज़ छोड़नी होगी,यह घटना दो छात्रों को भुगतनी पड़ी

प्राइवेट कंपनी में जॉब करने वाले ग्लोकल यूनिवर्सिटी के दो छात्रों को ऑफिस में जुम्मे की नमाज़ पढ़ने के कारण बर्खास्त कर दिया गया।
बी. टेक सिविल के दो छात्र मोहम्मद काशिफ़ और शमशेर को 15 फ़रवरी को नॉएडा की स्पतियाल जीयोटेक प्राइवेट लिमिटेड द्वारा ट्रेनिंग पर रखा गया था। 22 वर्षीय काशिफ़ ने बताया की जब हम दोनों ने ऑफिस शुरू किया तो हमारे अलावा वहां पर दो और मुस्लिम थे हमने उनसे पूछा की आप जुमे नमाज़ कहा पर पढ़ते हैं उन्होंने मना किया की वो नहीं पढ़ते।
जिसके बाद हम चारों अपनी बॉस अन्नू गुप्ता के पास गए और उनसे दोपहर में नमाज़ के लिए कुछ समय की मांग की। लेकिन अन्नू गुप्ता ने साफ़ साफ़ मना कर दिया।
मस्जिद में जाने की अनुमति ना मिल पाने पर चारों ने ऑफिस परिसर में ही जौहर की नमाज़ अदा करने का फैसला लिया। काशिफ़ के अनुसार मार्च के पहले हफ्ते में ही गुप्ता द्वारा चारों को ऑफिस में बुला कर ऑफिस के माहौल को भंग ना करने की चेतावनी दी। काशिफ़ का कहना है की उस समय उनको नहीं पता था की उनकी बॉस नमाज़ की बात कर रही हैं।
अगले हफ्ते जब उन्होंने फिर से नमाज़ अदा की तो उन दोनों को गुप्ता द्वारा फिर से ऑफिस में बुलाया गया और उनके नमाज़ पढ़ने की वीडियो दिखाई गयी। काशिफ़ बताते है की उसके बाद उनको ऑफिस में रुकने को बोला गया और शाम में उनके कॉलेज के प्लेसमेंट सेल से फोन आ गया की उनको नौकरी से निकाल दिया गया है।
दोनों को ऑफिस की तरफ से ना ही समापन का पत्र दिया गया और ना ही नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट। जहां काशिफ़ के अनुसार गुप्ता द्वारा नमाज़ का कारण बता कर उनको नौकरी से निकाला गया वहीं ग्लोकल यूनिवर्सिटी की प्लेसमेंट ऑफिस के एक सदस्य ने उनको निकालने का कारण उनका प्रदर्शन बताया ना की धार्मिक प्रार्थना।
इस पर काशिफ़ का कहना है की उनको नौकरी आरम्भ किये हुए कुल तीन ही हफ्ते हुए थे ऐसे में उनके प्रदर्शन का आकलन करना सम्भव नहीं है जबकि नमाज़ पढ़ने पर गुप्ता का ऐतराज़ साफ़ था।
वहीं अन्नू कपूर ने मामले पर टिप्पणी देने से इंकार कर दिया साथ ही प्लेसमेंट सेल के भर्ती करने वाले एजेंट ने धार्मिक भेदभाव को नकारते हुए कहा की उन दोनों छात्रों को प्रदर्शन बहुत खराब था इसी कारण कॉलेज से और छात्रों को भेजने के लिए कहा गया था।
उनका कहना है की प्लेसमेंट सेल को उनकी अयोग्यता के बारे में तीन बार सूचित किया गया था जबकि प्लेसमेंट सेल अधिकारी ने इस तरह की किसी भी सूचना मिलने से इंकार कर दिया और कहा की मेरा उन लोगो से कोई लिखित संवाद नहीं हुआ और ना ही ये मुझे बताया गया था। नए छात्रों के लिए ज़रूर हमसे पूछा गया था लेकिन उसका कारण इन दोनों छात्रों की अयोग्यता नहीं थी। दोनों छात्र इस घटना के बाद गहरे सदमे में हैं और अभी दूसरी नौकरी तलाश रहे हैं।
उन दोनों का कहना है की वे मानसिक रूप से डर गए हैं। वहीं काशिफ़ के भाई का कहना है उम्मीद करता हूँ की ऐसी घटना किसी और के साथ ना घटे।

Comments

Popular posts from this blog

जनसंचार एवं पत्रकारिता संस्थान में ऑनलाइन होंगे आवेदन

ऐसा पत्रकार जिससे आपको भी घृणा हो जाए, चाय वाले से मांगी 25 हजार की चौथ

*नगर निगम की लापरवाही से दिनभर जलती रहीं लाइटें,कैमरे में कैद लापरवाही की देखें वीडियो