याेगी अादित्यनाथ काे एक सप्ताह भी नहीं हुअा है कि वह मुश्किलाें में पड़ते नजर अा रहे हैं।


उत्तर प्रदेश - का मुख्यमंत्री पद संभाले अभी याेगी अादित्यनाथ काे एक सप्ताह भी नहीं हुअा है कि वह बड़ी मुश्किल में फंसते नजर अा रहे हैं। उन्हाेंने शुक्रवार काे एक बड़ी गलती कर दी है। इस गलती के चलते वह मुश्किलाें में पड़ते नजर अा रहे हैं। 

दरअसल योगी अादित्यनाथ शुक्रवार काे लखनऊ के ट्रामा सेंटर में एक गैंगरेप पीडि़ता से मिलने पहुंचे थे। पीड़िता का हालचाल जानने के बाद उन्हाेंने अपने ऑफिशियल ट्विटर एकाउंट पर मुलाकात की फाेटाे पाेस्ट कर दी, जिससे रेप पीड़िता की पहचान उजागर हाे रही है।
ट्रेन से रायबरेली से लखनऊ आ रही एक गैंग रेप विक्टिम को तेजाब पिलाने की कोशिश की गई। विरोध करने पर उसके चेहरे पर एसिड फेंक दिया गया। इस घटना के बाद उसे लखनऊ के ट्रॉमा सेंटर में भर्ती कराया गया है, जहां शुक्रवार को सीएम योगी आदित्यनाथ ने पीड़िता से मुलाकात की।योगी के मुलाकात करने के कुछ देर बाद उनके ऑफिशियल ट्विटर हैंडल से दो फोटो शेयर की गई। इन फोटो में सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन को ध्यान न रखते हुए रेप विक्टिम और उसके परिवार की पहचान उजागर कर दी गई। नियम है कि बलात्कार के मामले में पीड़ित महिला और उसके परिवार की पहचान ना बताई जाए। ये सुप्रीम कोर्ट का आदेश है।
योगी के इस ऑफिशियल ट्विटर है्ंडल @myogiadityanath से यह ट्वीट किया गया है। इसमें लिखा है- ''आज मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ट्रॉमा सेंटर में एसिड अटैक पीड़िता से मिले और बोले- जल्द होगी उचित कार्यवाही।'' साथ ही इसमें दो फोटो भी एटैच किए गए, जिसमें यूपी सरकार की कैबिनेट मंत्री रीता जोशी और रेप विक्ट‍िम साफ नजर आ रहे हैं। साथ ही रेप विक्ट‍िम का परिवार भी इस तस्वीर में नजर आ रहा था। हालांकि अमर उजाला डाॅट काॅम द्वारा खबर फ्लैश करते ही ट्वीट किए गए फाेटाे काे बदलकर पीड़िता अाैर उसके परिजनाें के फेस काे ब्लर कर दिया गया।

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