आजम खान को सत्ता के बगैर भी जीने की आदत डालनी चाहिए?


एसपी मित्तल
देश और कश्मीर को बचाने के लिए हमारी सेना के जवान आए दिन शहादत दे रहे हैं। मृत्यु का दर्द क्या होता है, यह उस विधवा से पूछा जाना चाहिए, जिसका पति कश्मीर में आतंकवादियों की गोली का शिकार हो गया। उस बेटी से पूछो जिसका पिता सीमा पार के हमलों में मारा गया।
पूरा देश आज हमारी सेना की शहादत और बहादुरी को सलाम कर रहा है। लेकिन समाजवादी पार्टी के नेता और यूपी के पूर्व मंत्री आजम खान को लगता है कि कश्मीर में हमारी सेना ज्यादती कर रही है। आजम खान उन आतंकियों और अलगाववादियों का समर्थन कर रहे हैं जो हमारे सुरक्षा बलों पर गोलियां चलाते हैं और पत्थर फैंकते हैं।
आजम खान ने हमारी सेना के लिए जिन शब्दों का इस्तेमाल किया है, उन्हें यहां नहीं लिखा जा सकता। लेकिन आजम खान को अपने बयान पर शर्म आनी चाहिए। यदि हमारी सेना सीमा पर गोलियां न खाए तो आजम खान जैसे नेता इस तरह के बयान नहीं दे सकते। आज आजम खान जिन मुसलमानों को भड़काना चाहते हैं, उन्हें यह समझाना चाहिए कि कट्टरपंथी आतंकी कश्मीर में आम मुसलमानों को भी मौत के घाट उतार रहे हैं।
सब जानते हैं कि समाजवादी पार्टी की सरकार में आजम खान सबसे ताकतवार मंत्री थे। अपने घर की यूनिवर्सिटी के लिए आजम खान ने कब्रिस्तान पर भी कब्जा कर लिया। वक्फ  बोर्ड की रिपोर्ट में आजम खान पर गंभीर आरोप लगाए गए हैं। आजम खान जिस तरह से घिरे हुए हैं, उसे ध्यान में रखते हुए ही अब मुसलमानों को भड़काने वाली कार्यवाही की जा रही है। अच्छा हो कि आजम खान सकारात्मक और देश हित की राजनीति करें। आजम खान को सत्ता के बगैर भी जीने की आदत डालनी चाहिए। 

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