पुनीत निगम की खरी खरी - पिटते हैं हम हुज़ूर डग्गे की चाह में...


पुनीत निगम
अबकी बार आप लोगों को एक मजेदार किस्सा सुनाते हैं । बात कुछ पुरानी है, साउथ इलाके में एक पान की दुकान पर हमारे दो कलमवीर पत्रकार पान खाने और सिगरेट पीने को पहुंचे। दोनों ने मिलकर खड़े खड़े करीब सौ रुपए का पान सिगरेट हौंक डाला ।

जब बारी पैसे देने की आई तो दोनों महानुभवों ने पान वाले को नकली माल बेचने का आरोप लगाते हुए धमकाना शुरू कर दिया। बेचारा पानवाला गरीब आदमी इनकी बातों में आ गया और डर के मारे इनको कुछ कह नहीं पाया। बोला कि हुज़ूर आप पैसे मत दीजिये। पर इतने से भी इन महापुरुषों का मन नहीं भरा यह दोनों पान वाले से कुछ डग्गा मांगने लगे।

सूत्रों के अनुसार रुपए 5000 की मांग की गई थी। जब पान वाले ने रुपए देने में असमर्थता जताई तो हमारे महापुरुष गाली गलौज और हाथापाई पर उतर आए । काफी देर से तमाशा देख रहे इलाकाई लोगों ने जब पानी सर से ऊपर जाता देखा तो दोनों महापुरुषों को ठीक से विधिवत धो डाला। हालत यह हो गई की पिछवाड़े और मुंह में अंतर करना मुश्किल हो गया था। इतना पीटने के बाद भी इन कलमवीरों को अक्ल नहीं आई और दोनों लोकल थाने पहुंच गए । अपने 3-4 लईमार चेलो को बुला लिया और लगे दबाव बनाने। परंतु थानेदार पर इनकी पत्रकारिता की धौंसपट्टी नहीं चली वो दोनों पार्टी को 151 में बंद करने को आमादा हो गया। अब कागज़ के शेर लगे फड़फड़ाने। हो गयी सिट्टीपिट्टी गुम। किसी तरह जान छुड़ा कर वहां से भागे।

इतना पिटने और फुल बेइज्जती खराब होने के बाद भी भाई लोगों के भोकाल में कोई कमी नहीं आई है। पहले की तरह कैमरा, आईडी और बड़ा सा बैग टांगे रोज घूमते नज़र आ जाते हैं। भगवान जाने कौन से इनविजिबल चैनल में खबर चलती है इनकी। 

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