माँ इंसान के जान की दुश्मन बन गई है?


“है माँ अब तो बस तेरा ही सहारा है मैं जानता हूँ तुझमे देवताओ का वास है और तू जननी है लेकिन अब ये सब वास्तव में बर्दाश्त नहीं होता है”।पता है अब मेरे दोस्त भी कहने लगे है कि “आपकी माँ हमारी जान की दुश्मन बनी हुई है वो कहते है कि हम तो आपकी माँ से बहुत दूर रहने लगे है यहाँ तक कि वो तो आपको माँ भी कहने लगे है माँ उन्हें बहुत डर लगने लगा है” उन्होंने मुझे कुछ किस्से भी सुनाये है आप भी सुनो माँ।

पता है माँ जब आपके कुछ बेटो ने नोएडा के “अखलाख” को मारा था तो उस समय उसका बेटा देश की रक्षा के लिए “भारतीय वायुसेना” का विमान उडा रहा था और आपके बेटो ने उसके पापा को मार डाला माँ उस समय पता है वो बहुत रोया था।एक दिन माँ एक बूढ़ा आदमी तेरे अमृत जैसे दूध के लिए तुझे ले जा रहा था रास्ते में फिर तेरे बेटो ने उसको पकड़ लिया माँ ये उसकी गलती थी कि वो तुझे रमजान के महीने में तेरे अमृत को अपने बच्चों को पिलाने के लिए खरीद कर लाया था और उसने कागज़ भी दिखाए लेकिन माँ तेरे बेटो ने उस बूढ़े को भी मार दिया और तू खामोश होकर अपने बेटो की करतूत देखती रही।
एक दिन माँ एक औरत का बेटा अपने घर से दिल्ली गया था माँ अपने लिए ईद के कपड़े खरीदने के लिए वो वहा से वापस आ रहा था रेल में तो उसके साथ वैसे माँ तू नहीं थी उस समय लेकिन माँ पता है तेरे बेटो ने उस लड़के को रेल में पकड़ कर चाकुओ से तेरा नाम ले लेकर तब तक मारा जब तक वो बेचारा मर नहीं गया पता है माँ वो बोल रहे थे कि आप उनकी माँ हो क्या सच है माँ ये बात भी।अभी कल की ही बात है माँ तेरे बेटो ने रामराज्य है यहाँ भारत में एक वहाँ पर आप मर गयी थी तो उसने आपको शमशान भिजवाने के लिए तेरे ढोने वालो को एक हजार रुपए देकर तुझे शमशान भिजवाया लेकिन माँ वहा तेरे बेटे चले गए और तेरे हाथ पैर काटकर गाँव में डाल दिए और कह दिया कि इस बूढ़े ने हमारी माँ को काट दिया बस माँ तेरे सारे बेटो ने इकट्ठे होकर उस बूढ़े आदमी को बहुत मारा और वो मर गया लेकिन माँ तू फिर भी स्वर्ग से सब देखती रही।
माँ ये तो बहुत कम किस्से है उन्होंने तो बहुत बताये थे मैं आपको नहीं बता सकता हुँ माँ कितने रो रहे थे मेरे दोस्त अब तो वो मुझ पर शक भी करने लगे है कि कही मैं भी आपका बेटा तो नहीं हुँ हालाँकि में उनसे झूट बोल देता हुँ कि मैं आपका बेटा नहीं हुँ लेकिन कब तक झूठ बोलूँगा माँ बताओ आप ही।माँ आप सच सच बताना क्या आपको अच्छा लगता है जब तेरे नाम पर ये ऐसे काम करते है अगर हां तो माँ सच में आप इस दुनिया की बहुत माओं की बद्दुआ ले रही हो।जिसे तेरे बेटो ने मारा है माँ उनमे से एक की माँ अंधी है आपको तो अंदाज़ा भी नहीं है माँ अब वो अपने बेटे को याद करके इन अँधेरी रातो में कितना रोती है लेकिन तू तो कुछ भी नहीं करती है माँ।
माँ आज तो कुछ जरूर बोल दे माँ सच बोल रहा हुँ माँ अब दम घुटने लगा है जब कोई तेरे बारे में बाते करता है सच में माँ बहुत नफरत सी होने लगी है माँ तुझसे भी और तेरे बेटो के साथ साथ खुद से भी।माँ तू कुछ करती क्यों नहीं है आखिर कब तक तेरे बेटे ऐसे ही खून पीते रहेंगे बेगुनाहो का। माँ एक बात पता है क्या तुझे तेरे बेटे जब “मेघालय, मणिपुर, त्रिपुरा और बहुत सारे उत्तर पूर्व के राज्यो में” तुझे काट कर खाते है ना तो तेरा कोई सा भी बेटा नहीं बोलता है।जब माँ तुझे “गोवा, तमिलनाडु, केरल, उड़ीसा और बाकी के दक्षिण भारत में” काट कर खाते है ना तब भी तेरे बेटे कुछ नहीं बोलते पता है माँ क्यों नहीं बोलते है क्योंकि वो “मुसलमान” नहीं होते है।क्या तू सिर्फ मेरी ही माँ है मेरे दोस्तों की नहीं है उनकी भी बन जा ना आज “असलम” कह रहा था माँ कि “यार बहुत डर लगने लगा है माँ उसको तुझसे” क्या सच में ही तू डरा रही है उनको।अब चलता हुँ माँ असलम को उसके घर छोड़ कर आता हुँ कही तेरे बेटे बाहर उसको मार ना दे ठीक है माँ फिर मिलूंगा।
जय हिन्द
अमन तोमर(लेखक के निजी विचार है)

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