भाजपा जिलाध्यक्ष ने अपने ही लैटर पेड को बताया फर्जी, देखें वीडियो


महताब खान
रायबरेली । भाजपा जिलाध्यक्ष के  फर्जी लेटर पैड पर  महिला सिपाही के हस्तांतरण की सिफारिश का मामला को पीड़ित पक्ष ने झूठा बताया है।
पीड़िता कुसुम सिंह पत्नी शिवशंकर भदौरिया ने बताया कि लेटर पैड पर जिलाध्यक्ष दिलीप यादव के ही है। यदि हस्ताक्षर गलत या फर्जी है तो इस मामले की किसी हैंड राइटिंग एक्सपर्ट से जाँच करा सकते है। श्रीमती भदौरिया ने बताया कि वह मई माह में वो बीजेपी जिलाध्यक्ष से उनके कैम्प कायार्लय में जाकर मिली थी और महिला सिपाही की ज्यादती के बारे में बताया।
जिस पर उन्होंने उचित न्याय का भरोसा देते हुए अपने पैड पर मुख्यमंत्री को सम्बोधित पत्र दिया था। जिस पर उन्होंने उसे प्रदेश के आलाधिकारी को फैक्स कर दिया। उन्होंने बताया कि पत्र की मूल प्रति आज भी सुरक्षित  है उसकी कही भी जाँच कराई जा सकती है । श्रीमती सिंह ने ये भी बताया कि जिलाध्यक्ष लेटर पैड ही नही स्वंम दिलीप यादव हम सब की मदद के लिये पुलिस कप्तान से जाकर मिले थे इस बात को तो जिलाध्यक्ष नकार ही नही सकते है।
बताते चले कि मामला कुछ यूं है कि एस पी कार्यालय में तैनात महिला सिपाही नीलम मिश्रा का रायबरेली नि0 शिवशंकर सिंह भदौरिया के साथ सम्पति और दुकान को लेकर विवाद चल रहा है। जिसमे शिवशंकर ने नीलम मिश्रा के ऊपर न्यायलय से कई गम्भीर मुकदमे दर्ज करा दिये है। जिसकी विवेचना महराजगंज क्षेत्राधिकारी कर रहे है।
शिवशंकर का कहना है कि पुलिस कार्यालय में तैनाती के चलते नीलम विवेचना में दखल दे सकती है जिससे इनका ट्रांसफर अन्य जनपद कर दिया जाये ।जिसको लेकर शिवशंकर ने हालही में पुलिस कार्यालय में परिवार सहित धरना प्रदर्शन भी किया था ।
वही भाजपा जिलाध्यक्ष दिलीप यादव के लेटर पैड पर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम एक प्रार्थना पत्र दिया गया। जिसमें कुसुम सिंह पत्नी शिवशंकर सिंह भदौरिया की ओर से न्याय की गुहार लगाते हुए महिला सिपाही नीलम मिश्रा के गैर जनपद में स्थान्तरण की अनुशंसा की गयी है, यही नहीं 2 मई 2017 की तारीख वाले इस लेटर पैड पर उच्चाधिकारी ने जांच के लिए प्रेषित के बाद कार्रवाई की मोहर भी लगा दी गई थी ।
भाजपा के जिलाध्यक्ष का पैड होने के नाते इस पर आधिकारियों की कलम चलती रही और किसी ने ध्यान भी नहीं दिया | अब भाजपा जिलाध्यक्ष किसके दबाव में इस तरह की बात कह रहे है ।इस बात का अंदाजा इस बात से ही लगाया जा सकता है कि महिला सिपाही का स्थान्तरण हो चुका है परंतु पीड़ित के परिजनों ने जब धरना प्रदर्शन किया तब पुलिस अपनी कॉलर बचाने के लिये अब महिला सिपाही को पुलिस कार्यालय से रिलीफ किया गया है ।

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