ऐसा पत्रकार जिससे आपको भी घृणा हो जाए, चाय वाले से मांगी 25 हजार की चौथ


कुमार सौवीर
बस्‍ती : कुख्‍यात माफिया मेघराज गुप्‍ता का नाम पूरे पूर्वांचल में बच्‍चा-बच्‍चा जानता है। लोग उसके नाम से थरथर कांपते हैं। मेघराज का बस्‍ती में एक आलीशान होटल है, जो 7 स्‍टार सुविधाएं से लैस है। गुण्‍डों को पालना, अपराध करना, सरेआम किसी को भी पीट देना जैसा इस मेघराज के बायें हाथ का काम है। पत्रकार और पत्रकारिता के नाम सुनते ही इस मेघराज की आंखों में खून उतर जाता है। लेकिन इसी माफिया को चुनौती देने का साहस दिखाया था यहां के बेहद निर्भीक, साहसी और अरूण शौरी की तरह सच्‍चे पत्रकार संतोष सिंह ने। उसी मेघराज का नाम सुनते ही मूत मारने वाले पत्रकारों की शान बढ़ाने के लिए संतोष 15 जून की रात को अपना कैमरा निकाला और लगे मेघराज गुप्‍ता के आलीशान होटल की रिकार्डिंग। इस पर मेघराज और उसके गुंडों ने संतोष पर हमला किया, पीटा, और कैमरा तोड़ दिया। पुलिस तो इस मामले की रिपोर्ट ही दर्ज नहीं कर रही थी। लेकिन ईमानदारी के प्रतीक और पराड़कर के प्रपौत्र माने जाने वाले विवेक गुप्‍ता जैसे बेहद शालीन और ईमानदार, चरित्रवान पत्रकारों के हस्‍तक्षेप पर पुलिस ने मामला दर्ज किया।

जी हां, यह मामला है बस्‍ती का। यहीं पर कमिश्‍नर और डीआईजी तक का मुख्‍यालय है। लेकिन उपरोक्‍त जानकारियां तो केवल एक पक्ष की ही बुनी हुई हैं। दूसरा सच बेहद गंदा है। इतना गंदा कि पत्रकारिता का चेहरा कालिख से सन जाए। लोगों को बस्‍ती के ऐसे पत्रकार और उनकी पत्रकारिता पर शर्म आ जाए। घृणा हो जाए। लेकिन जरा उस कहानी को सुन लीजिए, जो संतोष सिंह ने बयान की है। :-

बेगम खैर कालेज के सामने महावीर होटल ए0पी0पी0एन कालेज के बगल प्रतिवादीगण द्वारा वादी के कैमरा छीनकर पटककर तोड देना तथा धमकी जान माल की देते हुए गाली देना व कैसेट छीन लेना। श्री संतोष सिंह पुत्र विष्णु प्रताप सिंह (न्यूट वल्र्ड इण्डिया रिपोटर) सा0 मंगला कालोनी मालवीय रोड थाना कोतवाली बस्ती। अभियुक्‍त  1- अरूण सिंह पुत्र अज्ञात, 2-अरविन्द सिंह पुत्र लाले सिंह सा0 महराजगंज थाना कप्तानगंज बस्ती, 3-मेघराज गुप्ता पुत्र अज्ञात सा0 काली कुन्ज बैरिहवा थाना कोतवाली बस्ती

आलोक राय विवेचक। TV पत्रकार को जान से मारने की धमकीः मुकदमा दर्ज।  यहां पत्रकार उत्पीड़न की घटनायें बढ़ रही हैं। अभी अजय श्रीवास्तव के साथ बदसलूकी और मारपीट का मामला शांत नही हुआ था कि दूसरा सामने आ गया। टीवी रिपोर्टर संतोष कुमार सिंह ने समाचार कवरेज के दौरान बदसलूकी, कैमरा क्षतिग्रस्त करने, जबरदस्ती साक्ष्य मिटाने और जान से मारने की धमकी दिये जाने के मामले में कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया है। घटना 15 जून की है।

कोतवाली में दी गयी तहरीर के अनुसार थाना क्षेत्र के मालवीय रोड निवासी न्यूज़ वर्ल्ड इण्डिया के रिपोर्ट संतोष सिंह समाचार कवरेज के लिये एपीएनपीजी कालेज के निकट स्थित महावीर होटल पर समाचार कवरेज करने पहुंचे, उस वक्त फूड इंसपेक्टर की छापेमारी की कार्यवाही चल रही थी। मौके पर होटल मालिक कालीकुज बैरिहवां निवासी मेघराज सिंह का बचाव करने पहुचे हरैया थाना क्षेत्र के महराजगंज निवासी अरूण सिंह व अरविन्द सिंह फूड इंसपेक्टर को मैनेज करने लगे। उन्होने टीवी रिपोर्टर संतोष सिंह को वहां से भाग जाने को कहा। यह कहने पर कि छापेमारी की खबर बनाकर चैनल को भेजनी है वे तीनों आग बबूला हो गये। उन्होने धमकी देते हुये कहा तुम्हारा भी वही हस्र करेंगे जो पवन तुलस्यान ने पत्रकार का किया था। तुम लोग पैसे पर बिक गये हो और, न जाने क्या क्या मनगढंत अरोप लगाने लगे।

इसी बीच फूड इंसपेक्टर वहां से चले गये, खुद संतोष सिंह भी वापस आ रहे थे, किन्तु अरविन्द सिंह का गुस्सा अभी कम नही हुआ था, उन्होने मां बहन की गालियां शुरू कर दी, कैमरा जमीन पर पटककर क्षतिग्रस्त कर दिया और उसके अंदर का कैसेट साक्ष्य मिटाने के इरादे से निकालकर अपने कब्जे में ले लिया। संतोष सिंह ने कहा आप लोग बहुत गलत कर रहे हैं, वे और ज्यादा भड़क गये, कहा जिन्दा रहना है तो यहां से भाग जाओ, भयभीत होकर वह वहां से भाग जाना उचित समझे और चले आये।

कोतवाली को दिये तहरीर में संतोष ने लिखा है कि अरविन्द सिंह व अरविन्द सिंह दबंग किस्म के व्यक्ति हैं। वे बैंक की रिकवरी करते हैं। उनके कृत्य से न केवल भावनायें आहत हुई हैं बल्कि भय के कारण सामचार कवरेज में परेशानी का अनुभव कर रहे हैं। मामले को गंभीरता से लेते हुये कोतवाली पुलिस ने आईपीसी की धारा 504, 506,427, 392 के तहत मुकदमा दर्ज किया है। मुकदमा दर्ज करने में टालमटोल करने पर पत्रकार कोतवाली में ही घण्टो बैठे रहे। कोतवाल कपिलमुनि सिंह को पूरा प्रकरण मोबाइल पर बताने पर एफआईआर दर्ज हुआ। अशोक श्रीवास्तव, वसीम अहमद, प्रेस क्लब महामंत्री महेन्द्र तिवारी, विवेक गुप्ता, संतोष श्रीवास्तव, इमरान, कासिफ, प्रेमनाथ गोंड, दिनेश मिश्रा, अनुज प्रताप सिंह आदि उपस्थित थे।

अब जरा हकीकत देख लीजिए। मेघराज एक छोटा वैष्‍णव यानी शाकाहारी होटल चलाता है, जिसमें चाय-समोसा और 30 रूपये प्रति थाली भोजन मिलता है। आसपास रहने वाले छात्र उसके ग्राहक हैं और उसकी आमदनी करीब पांच सौ रोजाना है। घर में बूढ़ी मां भी है, जो होटल में सहयोग करती है। रात सात-आठ बजे के करीब यह होटल बंद हो जाता है। उसके बाद संतोष सिंह और उसके कई शराबी वहां जुटते हैं। चूंकि संतोष की पहचान एक बकैत पत्रकार की है, लेकिन मेघराज कुछ नहीं बोलता। लेकिन कई दिनों से यह लोग वहां मुर्गा और कबाब लेकर अराजकता फैलाने लगे। सच बात तो यह भी है कि संतोष शराब नहीं पीता, लेकिन होटल में आने वाले उसके सारे दोस्‍त-असबाब सारा कर्म-कुकर्म करते हैं। 14 जून को भी यही हुआ, नशा ज्‍यादा हुआ तो खेल-खेल में हड्डियां जब जहां-तहां फैलानी शुरू की गयीं, तो मेघराज ने ऐतराज किया। सारे दोस्‍तों ने मिल कर मेघराज को पीट डाला।

उसके बाद 15 जून की शाम को संतोष ने अपने एक चेले फूड इंस्‍पेक्‍टर को बुलवा कर वहां छापा करवाया। मेघराज के चेहरे पर हवाई उड़ने लगी, तो संतोष ने 25 हजार रूपयों की मांग कर ली, और धमकी दी कि पैसा नहीं दिया तो तुम्‍हें तबाह कर दिया जाए। मेघराज ने अपने परिचित और पास ही रहने वाले अरूण सिंह नामक एक रिकवरी एजेंट से पैसे मांगे। इस पर अरूण ने मौके पर पहुंच कर मामला समझना शुरू किया। इस पर संतोष बिफर गया। झड़प तेज होने लगी। आखिरकार संतोष सीधे कोतवाली पहुंचा और मेघराज और अरूण पर मुकदमा दर्ज कर लिया।

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