तो क्या जीएसटी की जिद्द में भाजपा का वोट बैंक बिखर जाएगा?


एसपी मित्तल
30 जून को दिन भर न्यूज चैनलों पर मोदी सरकार के मंत्री जीएसटी के फायदे गिनाते रहे तो वहीं देशभर में व्यापारियों विरोध करते देखा गया। अजमेर सहित देश के कई शहरों में बंद भी रहा। नरेन्द्र मोदी माने या नहीं, लेकिन आमतौर पर भाजपा को व्यापारी वर्ग की पार्टी माना जाता है। इसे यूं भी कहा जा सकता है कि व्यापारी चुनाव में भाजपा का समर्थन करता है। लेकिन आज सबसे ज्यादा व्यापारी वर्ग ही जीएसटी के खिलाफ है। यदि इतने बड़े समूह का गुस्सा बना रहा तो चुनाव में भाजपा को नुकसान हो सकता है।
हालांकि मोदी कई बार कह चुके हैं कि उन्हें चुनाव की हार से कोई फर्क नहीं पड़ता। देश को सुधारने और आगे ले जाने के लिए वे हर काम करेंगे। मोदी ने गत वर्ष नवम्बर में जब नोटबंदी की थी, तब भी माहौल बिगड़ा हुआ नजर आ रहा था। लेकिन तीन माह पहले हुए यूपी सहित चार राज्यों के विधानसभा चुनाव में भाजपा को जो सफलता मिली, उससे जाहिर है कि आम मतदाता मोदी की नीतियों से खुश है। एक जुलाई से जीएसटी के लागू होने के बाद नरेन्द्र मोदी के गृह प्रदेश गुजरात में विधानसभा के चुनाव होने हैं।
यदि गुजरात में भाजपा की जीत होती है तो फिर यही माना जाएगा कि देश की जनता नरेन्द्र मोदी के साथ है, भले ही व्यापारी वर्ग कितना भी विरोध कर लें। जीएसटी लागू करने पर भी मोदी सरकार यही कहना है कि इससे टैक्स चोरी बंद होगी और आम जनता को फायदा होगा। यही वजह है कि व्यापारियों के विरोध के बावजूद भी 30 जून की रात को संसद के संयुक्त अधिवेशन में मोदी सरकार जीएसटी का जश्न मना रही है। 

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