रोक के बाद भी अजमेर के आनासागर में नहा रहे हैं जायरीन, मौत का भी डर नहीं


एसपी मित्तल
अजमेर शहर के बीचों बीच बने ऐतिहासिक आनासागर झील के रामप्रसाद घाट पर जायरीन के नहाने की परंपरा चली आ रही है, लेकिन अब इस घाट पर पैदल चलने का रास्ता बनाया जा रहा है। चूंकि घाट पूरी तरह टूट चुका है और आनासागर के किनारे मिट्टी डाली गई है। इसलिए यह किनारा बेहद खतरनाक हो गया है। पिछले कई दिनों से जायरीन के डूबने की वारदातें हो रही है। 28 जून को भी दो जायरीन नहाते वक्त डूब गया। बाद में बड़ी मुश्किल से उनकी लाशों को बाहर निकाला गया।
आए दिन होने वाली दुर्घटनाओं को देखते हुए 29 जून को नगर निगम ने रामप्रसाद घाट वाले आनासागर किनारे जालियां लगा दी। साथ ही नहाने पर प्रतिबिंध होने की सूचना भी लगाई गई। चेतावनी भरे सूचना बोर्ड पर साफ-साफ लिखा है कि दुर्घटना होने पर नगर निगम जिम्मेदार नहीं होगा। लेकिन इस प्रतिबंध के बावजूद भी जायरीन का यहां नहाना जारी है। ख्वाजा साहब की दरगाह में जियारत के लिए आने वाले जायरीन 30 जून को भी नहाते देखे गए। यानि नगर निगम ने जो चेतावनी वाले बोर्ड लगाए हैं उसका कोई असर नहीं हुआ है।
रोकने वाला कोई नहीं:
यह सही है कि निगम प्रशासन ने अपनी और से चेतावनी वाले बोर्ड लगा दिए हैं। लेकिन जायरीन को रोकने वाला कोई भी नहीं है। न तो निगम प्रशासन और न ही पुलिस का कोई जवान मौके पर खड़ा है। निगम प्रशासन को यह उम्मीद है कि बोर्ड लगाने के बाद अब नहाने के लिए कोईभी जायरीन आनासागर में नहीं जाएगा। यहां यह खासतौर से उल्लेखनीय है कि बरसात की वजह से रामप्रसाद घाट वाला किनारा और जानलेवा हो गया है।
नहाने की है परंपरा:
ख्वाजा साहब की दरगाह में जियारत के लिए आने वाले जायरीन आनासागर के रामप्रसाद घाट पर नहाने की पंरपरा पुरानी है। माना जाता है कि सूफी संत ख्वाजा साहब भी अपने जीवन काल में इसी स्थान पर वजू करते थे। इस लिहाज से जायरीन धार्मिक आस्था से भी यहां स्नान करते हैं। 

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