हमले के खिलाफ बड़े पत्रकारों की चुप्‍पी पर ग्रामीण पत्रकारों का तमाचा, धरना देंगे



बस्‍ती : दैनिक हिन्‍दुस्‍तान के फोटोग्राफर पर भाजपा के वरिष्‍ठ नेता और उसके गुंडों द्वारा किये गये जानलेवा हमले के खिलाफ बस्‍ती के बड़े पत्रकार भले ही खामोशी अख्तियार कर चुके हों, लेकिन उनकी ऐसी रहस्‍यमयी चुप्‍पी पर जिले के ग्रामीण पत्रकारों ने जोरदार तमाचा रसीद कर दिया है। तय किया गया है कि कल 17 जून को बस्‍ती के मण्‍डल आयुक्‍त कार्यालय पर धरना और भारी विरोध प्रदर्शन किया जाएगा। खास बात तो यह है कि  और विरोध और खलीलाबाद पर हमले के विरोध में बस्‍ती के साथ ही साथ पूरे मंडल यानी खलीलाबाद और सिद्धार्थनगर जिले के पत्रकार भी इस आंदोलन में बढ़-चढ़ कर प्रतिभाग करेंगे।

आपको बता दें कि हिन्‍दुस्‍तान के फोटोग्राफर अजय श्रीवास्‍तव पर विगत दिनों जानलेवा हमला किया गया था। सूत्रों के अनुसार यह हमला भाजपा-संघ के नेता पवन तुलस्‍यान और उनके गुडों ने तब हमला किया था जब अजय तुलस्‍यान की दूकान के सामने भारी अतिक्रमण चल रहा था। इसी बीच तुलस्‍यान ने पत्रकार को ललकारा और फिर दबोच कर उसकी पिटाई कर दी। हमलावरों ने अजय को पुलिस चौकी में घुस कर भी पीटा।

इसी हादसे पर जब जिले के बड़े पत्रकार जब खामोशी पर आमादा हो गये तो सारा आंदोलन ग्रामीण पत्रकारों ने थाम लिया। इस खामोशी और पुलिस की चुप्‍पी से खफा इन पत्रकारों ने अब सीधी लड़ाई छेड़ने का फैसला किया है। ग्रामीण पत्रकारों का आरोप है कि बस्ती में हिन्दुस्तान अखबार के पत्रकार श्री अजय श्रीवास्तव के ऊपर हुए प्राण घातक हमले के आरोपी व्यवसाई की गिरफ्तारी से कोतवाली पुलिस कतरा रही है। पुलिस मामले को गंभीरता से ना लेते हुए व्यापारी परिवार को संरक्षण दे रही है, जो हम सबके लिए चिंताजनक है। पुलिस-प्रशासन व व्यापारी की दुरभि संधि से जनपद के पत्रकारों का सामूहिक अपमान किया जा रहा है, जिसे किसी भी दशा में बर्दास्त नही किया जा सकता।


ग्रामीण पत्रकार एसोसिएशन के महामंत्री संजय द्विवेदी ने पत्रकारों के स्वाभिमान व सम्मान की रक्षा के लिए संघर्ष का आह्वान किया है, जिसके तहत दिनांक 17 जून 2017 को प्रातः 11 बजे से मंडलायुक्त कार्यालय पर धरना देने का निर्णय लिया गया है। साभार मेरी बिटिया डॉट काम 

Comments

  1. मेरी आज तक ये समझ नही आया कि पत्रकार छोटा या बडा कैसे हो सकता है पत्रकार सिर्फ पत्रकार होता है .हॉ संहठन छोटै या बडा हो सकता है .इसके अलावा किसी भी पत्रकार का उत्पीडन नही होना चााहीये चाहे वो किसी भी बैनर का हो .बैनर छोटा बडा हो सकता है बडे बैनर वाले अपने पत्रकार के पक्ष मे कम ही आते है हम छोटे बैनर वालो को ही उनका साथ देना पडता है मैरे इस लैख पर किसी की भावना पर ठैस लगा हो तो क्षमा का पात्र हु

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