यह है भारतीय महिलाओं का दम ,नहीं हैं किसी से कम

जींद।   अमेरिका के फ्लोरिडा में 13 जुलाई की रात को हुई डब्लूडब्लूई माय यंग क्लासिक चैम्पियनशिप में भारतीय रेसलर कविता दलाल एकदम देसी अंदाज में रिंग में उतरीं। कविता ने अखाड़े के पहलवान की तरह अपनी पैरों पर हाथ मारते हुए दम भरा और एक हाथ उठाकर दर्शकों का अभिवादन स्वीकार किया। कविता के आते ही अनाउंस हुआ कि वह एकमात्र महिला इंडियन रेसलर हैं जो डब्लूडब्लूई में इंडिया को रिप्रेजेंट कर रही हैं। 
13 जुलाई की फाइट से पहले कविता ने अपनी मां के लिए एक वीडियो भेजा था, जिसमें उसने कहा था कि उसकी मां दो दिन से खाना नहीं खा रही हैं, वे उसकी जीत के लिए प्रार्थना कर रही हैं। प्लीज आप मेरी मां को बोलें कि वे खाना खा लें। 
कविता दलाल खली की जालंधर स्थित एकेडमी में नेशनल रेसलर बुलबुल को सूट-सलवार पहनकर चित कर देने से फेमस हुई थीं। इसके बाद उन्हें बिग बॉस से भी न्योता मिला था। नेशनल लेवल पर 9 साल तक वेट लिफ्टिंग में गोल्ड जीतने वाली कविता ने जालंधर स्थित खली की एकेडमी से ट्रेनिंग ली थी। रोजाना वहां 8 घंटे मेहनत करने वाली कविता शादीशुदा हैं। घर और काम को वो बखूबी संभाल रही हैं। 
जींद के मालवी गांव की रहने वाली कविता जुलाना के सीनियर सेकेंडरी स्कूल से 12वीं तक पढ़ी हैं। इसके बाद 2004 उन्होंने लखनऊ में अपनी रेसलिंग की ट्रेनिंग शुरू की। ट्रेनिंग के दौरान उन्होंने पढ़ाई भी जारी रखी और साल 2005 में बीए कर लिया। पढ़ाई और ट्रेनिंग के बाद 2008 में कविता ने बतौर कॉन्स्टेबल एसएसबी में नौकरी ज्वाइन की। नौकरी लगने के बाद साल 2009 में कविता ने बड़ौत के रहने वाले गौरव से शादी की। गौरव भी एसएसबी में कॉन्स्टेबल हैं और वॉलीबॉल के खिलाड़ी हैं। 
कविता ने शादी के बाद भी कभी रेसलिंग के लिए अपने जुनून को पीछे नहीं छोड़ा। वह लगातार इसमें एक्टिव रहीं और इसमें आगे बढ़ने का सपना देख रही हैं।

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