यूपी विधानसभा में विस्फोटक सामग्री मिलने से सुरक्षा पर सवालिया निशान

उत्तर प्रदेश विधानसभा में खतरनाक विस्फोटक पीईटीएन मिलने के बाद सुरक्षा पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भी इसे गंभीर मामला बताते हुए सुरक्षा को नए सिरे से चाक चौबंद करने के निर्देश दिए हैं.

लेकिन यहां एक सवाल यह उठता है कि आखिर सुरक्षा में चूक हुई कैसे? हम बताते हैं कैसे विधानसभा में अवैध एंट्री होती है. दरअसल जब विधानसभा का सत्र चलता है तो विधयाकों से लेकर मंत्री, पत्रकार और कर्मियों के लिए पास बनता है. इतना ही नहीं लोगों को विधानसभा की कार्रवाई देखने के लिए भी पास जारी किए जाते हैं.

एकल पास से ऐसे घुसते हैं सैकड़ों लोग

दरअसल विधानसभा में एंट्री के एकल पास जारी किया जाता है. यह पास व्यक्ति के लिए अलग और गाड़ी के लिए अलग होता है. मसलन एक पत्रकार को कार्रवाही के कवरेज के लिए पास मिलता है. साथ ही उसके गाड़ी का भी पास बनता है.
खेल इसी गाड़ी के पास से होता है. इस गाड़ी में पांच लोग बैठकर बिना पास के आराम से अंदर जा सकते हैं.

आमतौर पर देखा गया है कि ये गाड़ियां दिन कई बार अंदर बाहर करती हैं और उनके साथ रोजाना सैकड़ों लोग अंदर प्रवेश कर सकते हैं. मान लीजिए एक बार एम्म गाड़ी से 5 लोग अंदर गए और वह गाड़ी 10 बार आई और गई तो 50 लोग ऐसे ही प्रवेश कर गए.

हालांकि अब मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद विधायकों, मंत्रियों और कर्मियों के अलावा सभी पास को निरस्त करने का आदेश दे दिया गया. इतना ही नहीं गाड़ियों को अलग से पार्किंग का स्थान भी सुरक्षित कर दिया गया है.

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